नवनीत कुमार की रिपोर्ट
मंगलवार को पुलिस अधीक्षक, गढ़वा की अध्यक्षता में अपराध गोष्ठी का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर समीक्षा की गई एवं निर्देश दिए गए :- 1. आगामी सरहुल एवं रामनवमी पर्व को ध्यान में रख कर सभी आवश्यक तैयारी करने का निर्देश सभी थाना प्रभारी को दिया गया। विशेष रूप से जुलूस के मार्गों का भौतिक सत्यापन करने, ससमय जुलूस का लाइसेंस निर्गत करने, शांति समिति की बैठक करने, असामाजिक तत्वों के विरुद्ध धारा 107 CRPC के अन्तर्गत करवायी करने एवं सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखने की आवश्यकता पर बल दिया गया। 2. सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत सभी थाना क्षेत्रों में सघन अभियान चलाते हुए मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही सुनिश्चित करेंगें। इस दौरान विशेष रूप से शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले, बिना हेलमेट दोपहिया चलाने वाले, overspeeding इत्यादि के मामलों में माननीय न्यायालय में prosecution report जमा करना सुनिश्चित करेंगें। राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रति दिन जगह बदल कर वाहन चेकिंग अभियान चलायेंगे। 3. विगत माह घटित सभी महत्वपूर्ण आपराधिक घटनाओं की समीक्षा करते हुए काण्डो में आवश्यक कारवाई करते हुए त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया गया 4. अवैध खनन की शिकायत मिलने पर तत्काल क्षेत्र के अंचलाधिकारी/ ज़िला खनन पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर Jharkhand Minerals (Prevention of Illegal Mining, Transportation and Storage) Rules 2017 के अन्तर्गत कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। अवैध खनन में संलिप्त वाहनों को राजसात हेतु प्रस्ताव अविलंब समर्पित करेंगे। 5. सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पुराने लंबित कांडों की समीक्षा करते हुए अनुसंधान में तेजी लाएंगे एवं विशेष रूप से 05 वर्ष से अधिक लंबित कांडों का शत प्रतिशत निष्पादन माह के अंत तक सुनिश्चित कराएंगे। 6.साइबर ठगी, महिला अत्याचार, अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत मामले प्रतिवेदित होने पर पीड़ित के पक्ष में अविलंब आवश्यक क़ानूनी करवायी करेंगे। 7. माननीय न्यायालय से निर्गत वारंट/ कुर्की, सूचनाधिकार से संबंधित मामले, चरित्र सत्यापन, पासपोर्ट सत्यापन एवं पी0जी0 पोर्टल से संबंधित लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश सभी थाना प्रभारी को दिया गया।
अपराध गोष्ठी के पश्चात पुलिस सभा का आयोजन किया गया, जिसमे सभी पुलिस कर्मियों की समस्या को सुनकर उसके निदान का भरोसा दिया गया।
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