झारखंड की बड़ी खबर,एनकाउंटर में मारा गया झारखंड का मोस्ट वांटेड अपराधी राहुल तुरी
रामगढ़ । मोस्ट वांटेड अपराधी राहुल तुरी उर्फ आलोक और उसका साथी आकाश करमाली रामगढ़ जिले में एक बड़ी वारदात को अंजाम देने पहुंचा था। जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी शुरू की, तो उन दोनों लोगों ने हवा में हथियार लतराते हुए पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इसकी पुष्टि रामगढ़ एसपी अजय कुमार ने शनिवार को की है।
उन्होंने बताया की दोपहर में ही राहुल और आकाश के कुजू क्षेत्र में छुपे होने की सूचना मिली थी। जब उसे गिरफ्तार करने के लिए हजारीबाग की पुलिस की सहायता से छापेमारी शुरू की गयी, तो दोनों ने पुलिस पर ही गोलियां चला दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई शुरू की तो वे लोग मुरपा बस्ती के जंगलों में जाकर छुप गये। इसी दौरान दोनों तरफ से गोलियां चली। पुलिस की गोली से राहुल मारा गया। उसकी मौत के बाद उसका साथी आकाश करमाली गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने जब तलाशी ली तो उन दोनों के पास से दो पिस्तौल और गोलियां बरामद हुई। साथ ही उनके पास से दर्जनों मोबाइल भी मिले हैं।
मूल रूप से लातेहार जिले का रहने वाला राहुल तुरी उर्फ आलोक मोस्ट वांटेड अपराधी था। उसने रांची, हजारीबाग और रामगढ़ जिले में कई वारदातों को अंजाम दिया था। रंगदारी वसूलने के लिए वह लगातार व्यापारियों और ठेकेदारों को फोन करता था। रंगदारी नहीं देने पर वह गोलियां भी चलाता था। उसने कई गाड़ियों को भी खलारी थाना क्षेत्र में जलाया था। दो दिन पहले ही हजारीबाग जिले के उरिमरी थाना क्षेत्र में उसने विस्थापित नेता संतोष सिंह को गोली मारी थी।
रामगढ़ जिले का कुजू क्षेत्र अपराधियों का बड़ा शरणस्थली बना हुआ है। अपराधी यहां से रंगदारी भी वसूलते हैं और यहां के जंगलों में छुपकर राज भी करते हैं। जब भी पुलिस अपराधियों का पीछा करती है, वह भाग कर जंगलों और झाड़ियां में छुप जाते हैं। अंधेरे का लाभ उठाकर वह यहां से बोकारो और हजारीबाग जिला में प्रवेश कर जाते हैं। राहुल तुरी उर्फ आलोक और आकाश करमाली ने भी ऐसा ही करने की योजना बना रखी थी। लेकिन इस बार हजारीबाग और रामगढ़ पुलिस पहले से ही अलर्ट थी। पुलिस नहीं चाहती थी कि अपराधी भाग कर किसी दूसरे जिले में जाकर छुप जाएं। उन्होंने अपराधियों का लगातार पीछा किया। अपराधी पुलिस को पीछे हटाने के लिए गोलियां चला रहे थे, लेकिन पुलिस टस से मस नहीं हुई।
कुजू ओपी क्षेत्र में राहुल तुरी से पहले झारखंड का कुख्यात अपराधी बाजीराम महतो भी एनकाउंटर में मारा गया था। 27 फरवरी 2019 को रामगढ़ के तत्कालीन एसपी निधि द्विवेदी के नेतृत्व में अभियान चलाया गया था। उस दौरान बाजीराम महतो को सुगिया के जंगलों में ही घेरा गया। जब उसने भी पुलिस पर फायरिंग शुरू की तब पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की थी। रामगढ़ जिले में एनकाउंटर की वह पहली घटना थी। जिसके बाद अपराधियों में दहशत का माहौल कायम हो गया था। बाजीराम महतो ने कई वारदातों को अंजाम दिया था। वह भी ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने का काम करता था। यहां तक कि उसने तत्कालीन मंत्री रहे चंद्र प्रकाश चौधरी के एक रिश्तेदार जलेश्वर महतो को भी अगवा कर लिया था। उसने पुलिस के नाक में दम कर रखा था। लेकिन तत्कालीन एसपी निधि द्विवेदी ने उस अपराधी को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। पुलिस से बचने के लिए वह सुगिया के जंगल में छुप गया था। जब पुलिस ने उसका पीछा नहीं छोड़ा, तो उसने भी पुलिस पर गोलियां चलायी। नतीजा यह हुआ कि वह एनकाउंटर में मारा गया।
राहुल तुरी का एनकाउंटर करने के बाद रामगढ़ एसपी अजय कुमार ने अपराधियों को सीधा फरमान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि अपराधी अपना रास्ता छोड़ दें या फिर वे झारखंड छोड़कर कहीं और चले जायें। अगर यहां की धरती पर वे अपराध करेंगे, तो उनका नतीजा भी राहुल तुरी की तरह ही होगा।
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