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गढ़वा से बहार काम करने गए मजदुर की गुजरात में मौत, - Garhwa Drishti
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गढ़वा से बहार काम करने गए मजदुर की गुजरात में मौत,

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गढ़वा से बहार काम करने गए मजदुर की गुजरात में मौत,

क्षेत्र में रोजगार की कमी और आर्थिक तंगी से बेरोजगार लाचार मजदुर बाहर रोजी रोटी के लिए पैसा कमाने तो जाते हैं लेकिन आए दिन उनकी मौत की खबर आते रहती हैं।

युवक घर आने के लिए 12 जुलाई का टिकट लिया हुआ था लेकिन तबियत खराब होने की वजह से 9 जुलाई की रात गुजरात के भुज में उसकी मौत हो गई। और 11 जुलाई को उसका शव गांव लाया गया।

गढ़वा के खरौंधी प्रखंड में एक अमरोरा गांव है। वहीं का निवासी गुजरात के भुज में काम करता था।

खरौंधी प्रखंड से चंदेश कुमार पटेल कि रिपोर्ट

खरौंधी थाना क्षेत्र के अमरोरा निवासी मजदूर रामपाल राम उम्र 35 वर्ष की मौत इलाज के दौरान गुजरात के भुज हॉस्पिटल में विगत 9 जुलाई को हुआ था। 11 जुलाई दिन सोमवार को 10 बजे मजदूर रामपाल राम का शव अमरोरा घर पहुँचते ही घर सहित गांव में कोहराम मच गया। रामपाल राम 1 वर्ष से गुजरात के एक कंपनी में ड्राइवरी का काम किया करता था। अमरोरा के10 से 15 लोग भी साथ में काम करते थे। जानकारी के अनुसार 8 जुलाई के रात्रि में रामपाल राम ने अपने साथियों से तबीयत खराब लगने की जानकारी दी साथ ही इलाज के लिए ले चलने की बात कही। गांव के साथियों के द्वारा तत्काल वाहन बुक कर गुजरात के भुज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने रात्रि से लेकर 9 जुलाई के 12 बजे तक इलाज किया लेकिन स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इलाज चल रहा था। अचानक 3 बजे डॉक्टरों के द्वारा बताया गया कि रामपाल राम की मौत हो गई है । शव को घर ले जाने के लिये कागजात बनवायें। घटना की जानकारी तत्काल कंपनी के मैनेजर को साथियों के द्वारा दिया गया। घटना की जानकारी पाकर गांव में माहौल गमगीन हो गया। रामपाल गांव के साथियों ने बताया कि रामपाल राम का पैर में सूजन था। साथ ही वह दर्द के बारे में बताता था। उसकी इलाज को लेकर वह विचलित रहा करता था। कई बार उसका पैर का इलाज भी हम लोगों के द्वारा कराया गया। पुनः 8 जुलाई के रात्रि में पैर के दर्द को लेकर के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन इस बार ठीक नहीं हो सका।

परिजनों ने बताया कि रामपाल राम के एक पुत्र श्रवण कुमार है जो नाबालिक है। अपने इलाज सहित पत्नी के इलाज में काफी पैसा खर्च हो गया था। जो कर्ज के रूप में था उसके भरने के लिए वह 1 साल पहले गुजरात काम करने गया हुआ था। घर आने के लिए 12 जुलाई का टिकट बुक था अचानक उसकी मौत की खबर सुनकर स्तब्ध रह गया। खरौंधी प्रखंड में मजदूरों की मौत की घटना व्यापक पैमाने पर बढ़ रही है। पिछले दिनों ही सिसरी में मजदूर का मजदूरी करने के दौरान ऊपर से गिरकर मौत हो गया था। इससे पहले चौरिया सहित कई गांव के मजदूर पेट पालने के लिए पलायन कर जीवकोपर्जन का साधन करते है लेकिन घटना से घर परिवार के लोग दुखी हो जाते है। अगर खरौंधी प्रखंड में बेहतर रोजगार के साधन होता मजदूर बाहर पलायन करने से बच जाते और उनकी मौत भी नहीं होती।

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