0 0 Share Read Time:2 Minute, 51 Second प्रकृति की पूजा का प्रतीक त्योहार है सरहुल : मंत्री मिथिलेशमांदर बजाकर थिरके मंत्री, दी सरहुल की बधाईगढ़वा। गढ़वा में सरहुल पर्व विभिन्न क्षेत्रों में काफी धूमधाम से मनाया गया। आदिवासी सरना विकास परिषद गढ़वा के तत्वावधान में नकदरवा, फरठिया आदि गावों में आयोजित सरहुल पर्व महोत्सव में गढ़वा विधायक झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता व उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने शामिल हुए। कार्यक्रम में मंत्री श्री ठाकुर मांदर बजाकर आदिवासी समुदाय के साथ खूब थिरके। उन्होंने लोगों को सरहुल की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मौके पर आदिवासी समुदाय ने मंत्री श्री ठाकुर का भव्य स्वागत किया। मौके पर मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि सरहुल पर्व प्रकृति की पूजा का प्रतीक पर्व है। यह पर्व चैत्र महीने की शुक्ल तृतीया तिथि को मनाई जाती है। सरहुल की पूजा आदिवासी समुदाय के धर्मगुरु पाहन करवाते हैं। पाहन विधिपूर्वक आदिदेव सींग बोंगा की पूजा करते है। पूजा के दौरान सुख और समृधि की कामना की जाती है। सरहुल वसंत ऋतु के आगमन का उत्सव भी है। इस पर्व में साल अर्थात सखुआ वृक्ष का खास महत्व होता है। आदिवासियों की परंपरा के अनुसार इस पर्व के बाद नई फसल की कटाई शुरू हो जाती है। यह नए साल की शुरुआत की निशानी है। इस वार्षिक उत्सव को बसंत ऋतु के दौरान मनाया जाता है। इसमें पेड़ों और प्रकृति के अन्य तत्वों की पूजा शामिल होती है। मौके पर मुख्य रूप से झामुमो जिला अध्यक्ष तनवीर आलम, फुजैल अहमद, आदिवासी सरना विकास परिषद के महेंद्र उरांव, मुखलाल उरांव, प्रदीप उरांव, कैलाश उरांव, योगेन्द्र उरांव, संतोष उरांव, मनोज उरांव, धमेंद्र उरांव, बसंत उरांव, मुकेश उरांव, विरेंद्र उरांव, कपिल उरांव, नारायण उरांव, इमरान अंसारी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे। 196 total views, 2 views today Share Love Facebook Twitter Pinterest LinkedIn About Post Author navneetkumar27828 Happy 0 0 % Sad 0 0 % Excited 0 0 % Sleepy 0 0 % Angry 0 0 % Surprise 0 0 % Post navigation श्री रामनवमी पूजा महासमिति जेनरल गढ़वा के द्वारा प्रकृति पर्व सरहुल पर आदिवासी समाज के द्वारा जुलूस निकालने पर जेनरल के द्वारा रंका मोड़ पर मुरब्बा एवम् सितल जल की ब्यवस्था किया गया भाजपा कार्यालय में मनाई गई महात्मा ज्योतिबा फूले जन्म जयंती