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झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने 9 मई 2025 को राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया है, जिसमें केंद्र सरकार से जनगणना में “सरना धर्म कोड” को शामिल करने की मांग की जाएगी। झामुमो का कहना है कि जब तक सरना धर्म कोड लागू नहीं होता, तब तक झारखंड में जनगणना नहीं होने दी जाएगी।
झामुमो जिला समिति गढ़वा की बैठक में यह निर्णय लिया गया। जिलाध्यक्ष शुभ राम ने कहा कि केंद्र सरकार की यह मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से 9 मई के धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने का आह्वान किया।
सचिव शरीफ अंसारी ने कहा कि जब तक सरना धर्म कोड लागू नहीं किया जाता, तब तक झारखंड में जनगणना नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक ज्ञापन डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा।
झामुमो का यह आंदोलन राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें पार्टी के सांसद, विधायक, केंद्रीय समिति के सदस्य और कार्यकर्ता शामिल होंगे। पार्टी का कहना है कि यह आंदोलन केंद्र सरकार को स्पष्ट संदेश देगा कि सरना धर्म कोड लागू किए बिना झारखंड में जातिगत जनगणना कराना संभव नहीं है।
झामुमो का यह कदम आदिवासी समुदाय की धार्मिक पहचान को मान्यता दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पार्टी का कहना है कि जनगणना में सभी धर्मों जैसे हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई का कोड रहता है, लेकिन आदिवासियों का अपना कोई धर्म कोड नहीं है। आदिवासी समाज सरना धर्म मानता है, इसलिए उनकी अलग धार्मिक पहचान बनाये रखने के लिए सरना धर्म कोड लागू करना निहायत जरूरी है।
इस आंदोलन के माध्यम से झामुमो केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है ताकि सरना धर्म कोड को मान्यता दी जाए और आदिवासी समुदाय की धार्मिक पहचान को संरक्षित किया जा सके। इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर तथा भवनाथपुर के विधायक अनंत प्रताप देव भी उपस्थित रहेंगे।
बैठक में केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे, तनवीर आलम, अनिता दत्त, अंजली गुप्ता, कंचन साहू, चंदन जायसवाल, संजय सिंह छोटू, फुजैल अहमद, सत्य प्रकाश कुमार सुड्डू, अरविंद यादव, रितेश तिवारी, अतहर अली अंसारी सहित दर्जनों नेता मौजूद थे।
