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बीएसपी नेता का भाषा को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापनसमाजसेवी सह बीएसपी नेता व भावी जिला परिषद उम्मीदवार वाहिद अंसारी ने अपने समर्थकों सहित मगही भोजपुरी अंगिका व हिंदी को झारखंड के क्षेत्रिय भाषा में शामिल करने को लेकर गत मंगलवार को बरडीहा प्रखंड के बीडीओ दीपमालाजी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन के माध्यम से उन्होने मुख्यमंत्री को यह बताने की कोशिश की है की समूचे पलामू प्रमंडल सहित झारखंड की बहुसंख्यक आबादी की मातृभाषा हिंदी भोजपुरी मगही और अंगिका है इसके बावजूद भी इन भाषाओं को क्षेत्रिय भाषाओं में शामिल नहीं किया गया है जो चिंताजनक है आज पलामू प्रमंडल के दबे कुचले आदिवासी दलित पिछड़े अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतियोगी प्रतिभागियों के सामने एक पहाड़ जैसी संकट पैदा हो गया है ।ऐसा होने से इस क्षेत्र के विद्यार्थी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे है ।इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को मौलिक अधिकार के अनुच्छेद 16 (1) (2) अंतर्गत मिलने वाली रोजगार या नियुक्ति में समानता का हनन होने का भय है । उन्होंने बताया की पलामू प्रमंडल हर क्षेत्र जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य ,आर्थिक ,रोजगार में पिछड़ा है बावजूद पलामू प्रमंडल के के विद्यार्थियों के ऊपर उनके मातृभाषा के स्थान पर ऐसे क्षेत्रिय भाषा को उनके माथे जबरदस्ती थोपने का काम।किया जा रहा है जिसका इस क्षेत्र के लोग नाम तक नही जानते है न स्कूल कॉलेज में पढ़ाई की प्रबंध है ऐसे में इस क्षेत्र के विद्यार्थी मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो रहे है और सरकार की गतिविधि इस क्षेत्र के उम्मीद के प्रतिकूल लग रही है इसलिए मुख्यमंत्री अपने फैसलों पर पुनर्विचार करे और मगही भोजपुरी हिंदी और अंगिका को क्षेत्रिय भाषा के रूप में शामिल करे ताकि स्नातक स्तर के प्रतियोगी परीक्षा में इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को परेशानी नही हो।

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