सरकार का दावा हर गरीबों को पक्का मकान दिलाने का योजना हुई फेल,धरातल पर हकीकत कुछ और।
गढ़वा ( मेराल ): सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि हर गरीब और बेघर परिवार को एक-एक आवास दिया जाए. लेकिन कुछ भ्रष्ट पदाधिकारी और बिचौलिए इस नेक योजना को बदनाम कर रहे हैं। झारखंड सरकार द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास योजना पूरी तरह से भ्रष्टाचार के भेंट चढ़कर चुका है। जिसका जीता जागता उदाहरण मेराल प्रखंड क्षेत्र के बिकताम पंचायत के निवासी रईस अंसारी के पुत्र शमशाद अंसारी जो वर्षों से कच्चा खपड़ैल के मकान में अपना जीवन यापन करता था। उनका अचानक घर गिर गया। उसमें रह रहे परिवार को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन उसकी लाखों का संपति बर्बाद हो गई।
वर्तमान में उनका परिवार बेघर हो गया। शमशाद एक गरीब परिवार से आता है वह दिहाड़ी मजदूरी का कार्य करता है अभी वह पलायन के लिए बाहर गया हुआ है। एक तरफ सरकार यह दावा करती है कि वह बेघर परिवार को पक्का आवास देने में सफल रही तो दूसरी तरह धरातल पर हकीकत कुछ और है। इस तस्वीर ने सरकार द्वारा चलाई गई महत्वकांक्षी योजना अबुआ आवास योजना की पोल खोल कर रख दी है। पत्रकारों से बात करते हुए अबुआ आवास योजना हो या फिर प्रधानमंत्री आवास योजना को जरूरतमंदों को न देकर परिपूर्ण लोगों को आवास योजना से जोड़ा गया।
उन्होंने कई बार आवास योजना की स्वीकृति के लिए प्रखंड स्तर से लेकर पंचायत स्तर के पदाधिकारियों से गुहार लगाई परंतु आज तक उनका आवास योजना में नाम नहीं जोड़ा गया। यही कारण है कि आज उनका परिवार बेघर हो गया है।
उन्होंने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग करते हुए आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए गुहार लगाई है।

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