श्री बंशीधर नगर राजकीय मध्य विद्यालय पुरैनी व विद्या भारती स्कूल में सोमवार को भाजपा नेत्री लवली आनंद की ओर से देश के महान समाजसेवी ज्योतिबा फुले (महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले) का 195 वां जयंती समारोह पूर्वक मनाया गया। इसका शुभारंभ ज्योतिबा फुले के तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। मौके पर भाजपा नेत्री लवली आनंद ने मवि पुरैनी व विद्या भारती स्कूल के 200 बच्चों के बीच कॉपी-कलम का वितरण किया। लवली आनंद ने कहा कि 11 अप्रैल 1827 को सतारा महाराष्ट्र में गोविंदराव फुले व विमला बाई फुले के पुत्र के रूप में ज्योतिबा फुले ने जन्म लिया था। उनका परिवार बेहद गरीब था और जीवन यापन के लिए बाग बगीचों में माली का काम करता था। ज्योतिबा जब 1 वर्ष के थे तभी उनकी माता का निधन हो गया। ज्योतिबा का लालन-पालन सगुनाबाई नामक एक दाई ने किया। सगुनाबाई ने ही उन्हें मां की ममता और दुलार दिया। 7 वर्ष की आयु में ज्योतिबा को गांव के स्कूल में पढ़ने को भेजा गया। जातिगत भेदभाव के कारण उन्हें विद्यालय छोड़ना पड़ा। स्कूल छोड़ने के बाद भी उन्हें पढ़ने की ललक बनी रही। सगुनाबाई ने बालक ज्योतिबा को घर में ही पढ़ने में मदद की। घरेलू कार्यों के बाद जो समय बचता उसमें वह किताबें पढ़ते थे। लोग उनकी सूक्ष्म और तर्कसंगत बातों से बहुत प्रभावित होते थे। इनकी पत्नी का नाम सावित्रीबाई फुले था। ज्योतिबा फुले को 19 वीं सदी का प्रमुख समाज सेवक माना जाता है। उन्होंने भारतीय समाज में फैली अनेक कुरीतियों को दूर करने के लिए सतत संघर्ष किया। अछूतोंद्वार, नारी शिक्षा, विधवा विवाह, और किसानों के हित के लिए ज्योतिबा ने उल्लेखनीय कार्य किया है। स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए ज्योतिबा ने 1848 में एक स्कूल खोला। लड़कियों को पढ़ाने के लिए अध्यापिका नहीं मिली तो उन्होंने कुछ दिन में ही इस काम के लिए उन्होंने कुछ दिन में ही अपनी पत्नी सावित्री को योग्य बना दिया। उन्होंने एक के बाद एक बालिकाओं के लिए तीन स्कूल खोल दिया। मौके पर संजय कांस्यकार, अर्चना कमलापुरी, ललिता देवी, ममता देवी, सूरज सिंह सहित विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका व बच्चे उपस्थित थे।
313 total views, 2 views today