बिशुनपुरा संवाददाता सुनील कुमार की रिपोर्ट
बिशुनपुरा प्रखंड के अमहर पंचायत में स्थित एन,पी,एस
विद्यालय पचफेड़ी के शिक्षक अपने हाथों में चप्पल लिए हुए प्रति -दिन विद्यालय पहुंचते हैं। तेज बारिश और कीचड़ युक्त रास्ते से प्रतिदिन अपने समय व अपने कर्तब्यो को पालन करते हुए दोनों शिक्षक विद्यालय पहुंचते हैं। शिक्षक की यही तो महानता है खुद धिसकर बच्चों के भविष्य का निर्माण करते हैं ।अर्थात यह कहा जाता है कि गुरु के अंदर वह शक्ति है जो असंभव को संभव कर सकती हैं। ज्ञान ही वह सागर है जो विघ्न बाधाओं को दूर कर शिक्षा बांटने से बढ़ता है। जिसका मिसाल बनकर एन ,पी ,एस विद्यालय पचफेडी के शिक्षक अनिल प्रसाद गुप्ता एवं सत्येंद्र प्रसाद यादव ने दिखा दिया। आपको बताते चलें कि यह सड़क की दुर्दशा विगत कई वर्षों से है। जो बरसात के समय में इस सड़क की हालत बद् से बदतर हो जाती है ,लेकिन अभी तक यहाँ के जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी
का कोई ध्यान इस सड़क की ओर नहीं गया। हल्की बारिश के बाद एन ,पी ,एस विद्यालय ,पचफेडी के छात्र-छात्राएं तथा ग्रामीण जनता हाथों में चप्पल लेकर तकरीबन 1 किलोमीटर इसी जर्जर सड़क से गुजरते हैं। शिक्षा विभाग की ओर से बार बार रिपोर्ट भी मांगा जाता है, फिर भी ऐसी स्थिति में किसी तरह रिपोर्ट देने शिक्षक बीआरसी जाते हैं। अगर विद्यालय है, तो सड़क क्या इस तरह होनी चाहिए? सोशल मीडिया के माध्यम से विद्यालय का स्तिथि लोग दिखाते हैं ।आखिर इन सड़कों को क्यों नहीं बनवाया जा रहा है। पर प्रतिनिधि एवं शिक्षा विभाग वाले विद्यालय कि इस स्थिति पर चुप्पी साधे हुए हैं। प्रधानाध्यापक ने कहा कि शिक्षा विभाग के समय सारणी के अनुसार विद्यालय में पठन -पाठन किया जाता है।वहीं पर विभागीय जो भी रिपोर्ट मांगा जाता है, तो स-समय पर रिपोर्ट भी दिया जाता है।मगर सबसे बड़ी समस्या विद्यालय के शिक्षको को यह होती है कि हल्की वारिश में विद्यालय आने -जाने वाले रास्ते से परेशानी होती है। जिससे कुछ ज्यादा समय भी देना पड़ता है।
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