
देवानंद कुमार शर्मा की रिपोर्ट
धनबाद। रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर दो ठगों ने निरसा थाना क्षेत्र के गोपालगंज निवासी श्यामलाल रविदास से 18 लाख रुपये की ठगी कर ली। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक आरोपी देवनारायण सुपाकर को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसका साथी सुनील रविदास अब भी फरार है।
फर्जी ज्वाइनिंग लेटर से लिया भरोसे में
पीड़ित श्यामलाल रविदास के अनुसार, ठगों ने उनके दो बेटों – रमेश दास को ग्रुप सी (टीसी) और उमेश कुमार दास को ग्रुप डी (हेल्पर) की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके लिए उन्होंने ईस्ट कोस्ट रेलवे, भुवनेश्वर (ओडिशा) के फर्जी दस्तावेज तैयार किए और यहां तक कि रेलवे मंत्रालय के नाम से फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी डाक से भेजे।
पीड़ित के मुताबिक, आरोपी कई बार उनके बेटों को ओडिशा भी ले गए और धीरे-धीरे किस्तों में 18 लाख रुपये ऐंठ लिए। रकम का कुछ हिस्सा चेक के जरिए भी भुगतान किया गया।
फर्जीवाड़े का खुलासा, धमकी देकर डराने की कोशिश
करीब दो साल बाद भी नौकरी न मिलने पर श्यामलाल रविदास के बेटे जब ईस्ट कोस्ट रेलवे, भुवनेश्वर के कार्यालय पहुंचे, तो वहां से सभी कागजात फर्जी होने की पुष्टि हुई। इसके बाद जब पीड़ित परिवार ने पैसे की मांग की, तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस की कार्रवाई जारी
पीड़ित की शिकायत पर निरसा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। धनबाद जिले के सुदामडीह थाना क्षेत्र के मोहलबनी (कंचनपुर) निवासी देवनारायण सुपाकर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बलियापुर थाना क्षेत्र के आमटाल दास बस्ती निवासी सुनील रविदास अभी फरार है।
एसडीपीओ ने कहा कि पुलिस जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे गिरोह का पर्दाफाश करेगी।
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