मंझिआंव से संवाददाता अमित कुमार
मंझिआंव(गढ़वा): नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ब्लॉक रोड में स्थित महराणा प्रताप चौक मझिआँव में वीर सिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गयी। जिसमे की सैकड़ो की संख्या मे लोग मौजूद रहें। कार्यक्रम का सुभारम्भ क्षत्रिय करणी सेना के जिलाध्यक्ष नीरज सिंह, और प्रखंड अध्यक्ष संजीव सिंह ने दीप जलाकर, पुष्पांजलि अर्पित, शस्त्र पूजन कर किया। नीरज सिंह ने कहा की आने वाले कुछ दिनों मे महराणा प्रताप चौक पर वीर सिरोमणि महाराणा प्रताप की मूर्ति जल्द ही स्थापित की जाएगी।
वहीं प्रखंड अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि वीर महाराणा प्रताप के शौर्य का ही परिणाम था कि अकबर की भारी-भरकम सेना होने के बावजूद भी उन्हें मुगल कभी उन्हें गिरफ्तार ना कर सके ना ही मेवाड़ पर पूर्ण अधिकार जमा सके।महाराणा प्रताप भारत के महान शूरवीर सपूतों में एक थे। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजपूत राज परिवार में हुआ था। पिता उदय सिंह मेवाड़ा वंश के शासक थे। शूरवीर महाराणा प्रताप ने मुगलों के अतिक्रमणों के खिलाफ अनगिनत लड़ाइयां लड़ी थीं। अकबर को तो उन्होंने ( 1577,1578 और 1579 ) युद्ध में तीन बार बुरी तरह हराया था।
महाराणा प्रताप ने जंगल में घास की रोटी खाई और जमीन पर सोकर रात जरूर गुजारी, लेकिन अकबर के सामने कभी हार नहीं मानी।महाराणा प्रताप अपनी तलवार से दुश्मनों के एक झटके में घोड़े सहित दो टुकड़े कर देते थे। वही महाराणा प्रताप सिंह का विशाल व्यक्तित्व था, उनकी लंबाई 7 फुट 5 इंच थी जोकि अकबर की लंबाई से बहुत ज्यादा थी।उनके बलशाली शरीर का वजन 110 किलोग्राम था. युद्ध के मैदान में 104 किलो की दो तलवारें अपने पास रखते थे, ताकि जब कोई निहत्था दुश्मन मिले तो एक तलवार उसे दे सकें. क्योंकि महाराणा प्रताप निहत्थों पर वार नहीं करते थे।उनके भाले का वजन 80 किलो और कवच का वजन 72 किलो हुआ करता था।
वहीं मौके पर नवल सिंह, अरबिंद सिंह, अशोक सिंह, धनंजय सिंह, संजीव कमलापुरी,लालूबीरेंदर सिंह शर्मा जी, मोनू कमलापुरी,मोनू सिंह, जयराम सिंह,रोहित सिंह अंकित सिंह,बबलू सोनी छोटू सिंह, एवं सैकड़ो हिन्दू समाज के ग्रामीण उपस्थित थे।
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