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अनुमंडल ब्यूरो अमित वर्मा की रिपोर्ट

दशहरा पर्व को मद्देनजर पंडालो में आगलगी की घटनाओं की आशंका को देखते हुए नगर पंचायत द्वारा मानक तय किया जाना है,मानक के विपरीत पंडाल होने पर अनुमति भी रद्द की जा सकती है।


कार्यपालक पदाधिकारी मझिआंव का दिशानिर्देश है कि शारदीय नवरात्र का पर्व 03 अक्टूबर से प्रारम्भ होकर 12 अक्टूबर तक मनाया जायेगा,इस अवसर पर जगह–जगह पूजा पंडाल स्थापति होंगे,उन्होंने दुर्गापूजा समितियों के प्रबंधकों से पण्डाल निर्माण करते समय अग्निशमन सुरक्षा सम्बन्धी उपाय करने को कहा है।

दिए गए दिशा निर्देश निम्नलिखित है।

1.उन्होंने कहा कि पण्डाल की ऊंचाई 03 मीटर से कदापि कम न होने पाए

2.पण्डाल के चारो तरफ 03 मीटर का खुला स्थान अवश्य रखा जाए

3.पण्डाल निर्माण में सिथेंटिक कपड़ों/रस्सी का प्रयोग पूर्णतः वर्जित है

4. पण्डाल के निर्माण में केवल सूती कपड़ा/त्रिपाल/फायरपु्रफ कपड़ों का ही प्रयोग किया जाए

5.बांस बल्ली बांधने हेतु केवल सूती रेशमी/नारियल के रस्सी का ही प्रयोग किया जाए

पण्डाल/ढ़ांचा का प्रवेश/निकास मार्ग की चौड़ाई व ऊंचाई 05 मीटर से कम नही होनी चाहिए।

6. पण्डाल/ढ़ांचा निर्माण करते समय यह ध्यान रखा जाय कि पण्डाल से बाहर कोई भी निकास द्वार 15 मीटर से अधिक दूरी पर न हो

7.पण्डाल में दो आकस्मिक द्वार का निर्माण किया जाये, जिसकी चौड़ाई 03 मीटर से कम न हो

8.पण्डाल की संरचना मजबूत बांस बल्लियों से कराया जाय, तथा बांस बल्लियों के मजबूती की प्रमाण पत्र नगर पंचायत मंझिआंव से प्राप्त किया जाय।

9.पण्डाल ढ़ांचा में नंगे चिराग का प्रयोग, तथा पण्डाल के अन्दर सजावटी प्रकाश व्यवस्था किया जाना पूर्णतः वर्जित है, व पण्डाल के आस-पास किसी प्रकार का आतिशबाजी नही की जायेगी। पण्डाल में प्रकाश व्यवस्था हेतु नंगे/कटे-फटे तारों का प्रयोग पूर्णतया वर्जित है।

10.हाईलोजन लाईट का प्रयोग नही किया जाय। पण्डाल में प्रकाश व्यवस्था किसी लाईसेंस प्राप्त ठेकेदार से ही कराया जाय तथा विद्युत सुरक्षा अधिकारी प्रमाण पत्र अवश्य प्राप्त किया जाय।

11.विद्युत तारों की वायरिंग पण्डाल के कपड़ों से कम से कम 15 सेमी दूर रखा जाय।

12.पण्डाल में किचन का प्रयोग पूर्णतया वर्जित है तथा किचन पण्डाल से 03 मीटर दूर पर ही टिनशेड में बनाया जाय। पण्डाल की सुरक्षा हेतु उक्त समिति के 02 सदस्य को राउण्ड द क्लाक निगरानी हेतु सदैव पण्डाल में उपस्थित बने रहना आवश्यक है।

इसी के साथ-साथ पण्डाल में अग्निसुरक्षा व्यवस्था बनाये रखना अनिवार्य है जिसके तहत पण्डाल में कम से कम दो फायरएक्सटींग्यूसर सदैव कार्यशील दशा में बनाये रखना आवश्यक है,पण्डाल में निकास एवं प्रवेश द्वारों पर 200 लीटर क्षमता के पानी के ड्रम अवश्य रखा जाय, बालू तथा पानी से भरा फायर बकेट मय स्टैण्ड से बनाये रखना अनिवार्य है, किसी सुरक्षित स्थान पर 10 घनफिट बालू की व्यवस्था बनाये रखना अनिवार्य है,बालू स्टॉक के पास एक बेल्चा की व्यवस्था की जाय, जगह-जगह पर धुम्रपान निषेध पट्टिका लगाया जाय।

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navneetkumar27828

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