0 0
Share
Read Time:4 Minute, 13 Second


दयानंद यादव (सब न्यूज कॉर्डिनेटर हेड)


दीन शुक्रवार को नाबार्ड के  मुख्य महाप्रबंधक श्एस के जहांगीरदार जी डीजीएम  राकेश सिन्हा जी एवं डीडीएम दीपक कुमार जी  का आगमन कांडी प्रखंड के हरिहरपुर पंचायत अंतर्गत डगर गांव में  हुआ , आगमन का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार के द्वारा चलाई जा रही केंद्र प्रायोजित योजना  किसान उत्पादक संगठन( FPO) के अंतर्गत कांडी प्रखंड में बने सोनग्रीन फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के किसानों के साथ बैठक कर योजना के द्वारा किसानों को कहां तक फायदा पहुंच रहा है , और आगे किसानों को किस प्रकार से फायदा पहुंचाया जा सकता है , उसके बारे में किसानों से सलाह मशवरा करना रहा , बैठक का आयोजन डगर गांव के प्रगतिशील किसान अखिलेश कुमार सिंह जी के सब्जी फार्म पर आयोजित की गई , बैठक में एफपीओ से जुड़े सदस्य और अन्य किसान भी लगभग 100 की संख्या में शामिल हुए , किसानों ने मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड के समक्ष प्रखंड में किसानी करने में हो रहे बहुत सारी समस्याओं के बारे में चर्चा किए जिसमे प्रमुखता से नीलगाय की समस्या को उठाया , किसानों ने यहां खेती में हो रही और भी समस्या जैसे फसल के उपज को बेचने में आ रही समस्या , सब्जी की खेती में बाजार की समस्या आदि के बारे में विस्तार से बताया , सारी समस्याओं को सुनने के बाद मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ने अपने व्यक्तव्य में कहा की आपकी सारे फसलों के बाजार की व्यवस्था करना एफपीओ का काम है , जो बहुत जल्द आपके लिए fpo करेगी , सभी किसान को कोई भी उन्नत खेती करने के लिए कोई भी ट्रेनिंग की आवश्यकता हो तो उसकी व्यवस्था भी नाबार्ड करेगी , नीलगाय के मुद्दे पर उन्होंने कहा की नीलगाय की समस्या बहुत सारे राज्यो में है जिसका समाधान नाबार्ड तो नही कर सकती लेकिन इस मुद्दे को आगे रखने का काम करेंगी जहां से आपको मदद मिल सकती है , साथ ही आप सभी किसानों को अपनी सहायता अपने से करनी पड़ेगी गांव में जो एफपीओ के माध्यम से समूह बने है उन्ही को अपने से शुरुवात में इस समस्या से निबटने के लिए आगे आना होगा , मुख्य महाप्रबंधक ने अपने व्यक्तव्य में एफपीओ के साथ 1500 किसानों के जुड़ने पर खुशी व्यक्त किया एवं इस कृत के लिए एफपीओ को बधाई दिया , अपने संबोधन में उन्होंने नीलगाय की समस्या से लड़ने के लिए किसानों को वैसी खेती करने के लिए आग्रह किया जो नीलगाय नही खाती हो जैसे की ,हल्दी , अदरक , ओल, नींबू , अमरूद इत्यादि , किसानों को अब पारंपरिक खेती को धीरे धीरे कम करना होगा ताकि उनकी आमदनी बढ़ाई जा सके , बैठक में उन्होंने किसानों से पूछा की एफपीओ के बनने से आपको किस प्रकार का फायदा हो रहा है , जिसके जवाब में किसानों ने बताया की एक किसान को एक साल में लगभग 10000 से 15000 रुपए की बचत होती है जिसमे उन्हें एफपीओ से मिल रहे धान, गेहूं , खाद इत्यादि पर होने वाले बचत शामिल है ।

 56 total views,  3 views today

About Post Author

Chandesh Raj

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *