_इसे क्या समझे अफसरशाही या वरीय पदाधिकारी का मनमानी:– कुन्दन मेहता_
राजेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
डंडा गढ़वा: जी हां ये वाक्या बुधवार डंडा प्रखण्ड कार्यालय का है।
आपको बता दें कि झारखंड का सबसे छोटा प्रखण्ड है जो गढ़वा जिले में है, ये प्रखंड किसी राजस्व या जनसंख्या के आधार पर बनाया गया है, महज तीन पंचायत का प्रखण्ड जो पूरे राज्य का आदर्श व विकसित प्रखंड होना चाहिए था। पर आज अति पिछड़े प्रखंड की श्रेणी में आता है और सरकार भी अनदेखा या सौतेला व्यवहार कर रही है।
जहां की कर्मचारी से लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी भी मनमाने ढंग से प्रखंड का संचलित कर रहे हैं। वही प्रखंड के सभी जनप्रतिनिधि भी मूक जनता के कतार में खड़े होकर तमाशबीन बैठे हैं।। अगर यही वाकया आम जनता ने किया होता तो उसके ऊपर कई सारे प्रश्नचिन्ह लग जाता। पर ये मामला तो प्रखण्ड विकास पदाधिकारी का और ओ भी भोली भाली जनता की क्षेत्र डंडा की है। वहीं माले के क्रांतिकारी युवा सोशल एक्टिविस्ट कुंदन कुमार मेहता ने बताया कि डंडा प्रखण्ड के छोटे से वरीय पदाधिकारी तक सभी बेलगाम हो गए हैं, जिसको जो मर्जी ओ बखूबी कर रहे हैं। जिसका वर्तमान उदाहरण प्रखंड विकास पदाधिकारी नरेंद्र नारायण जी का । आगे यह भी बताया कि डंडा प्रखण्ड को अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर डंडा प्रखण्ड को मुख्य रूप से प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी का पदस्थापन हो। ताकि यहां के जनता को कल्याण हो

Read Time:2 Minute, 11 Second