




अब हर बच्चा पढ़ेगा क्योंकि आज रविवार से सेकंड स्कूल इंस्टीट्यूट का शुभारंभ हो गया है। अली काम्प्लेक्स कचहरी रोड़ गढ़वा में सेकेंड स्कूल के उद्घाटन कर्ता सह मुख्य अतिथि सीआरपीएफ 172 बटालियन के कमांडेंट नृपेन्द्र कुमार सिंह, सेकेंड स्कूल के संस्थापक ऋषिकेश पांडेय व सेकेंड स्कूल गढ़वा के फ्रेंचाइजी पार्टनर राष्ट्रीय तिरंगा सम्मान समारोह के आयोजक सह अनेक निशुल्क बैंक के संस्थापक शौकत खान, पार्टनर डाक्टर स्वेता प्रिया और सम्मी खान ने संयुक्त रूप से फिता काटकर उद्घाटन किया । इस मौके पर कमांडेंट एन के सिंह ने इंस्टीट्यूट का बारिकी से निरिक्षण किया और उपस्थित छात्र- छात्राएं उनके अभिभावक और गणमान्य नागरिकों के बीच अपने संबोधन में कहा कि आज यहां का व्यवस्था देखकर और यहां के शिक्षक से मिलकर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि अब गढ़वा के बच्चे घर बैठे अपने सपने साकार कर सकते है। अब गढ़वा के बच्चों को कोटा, राजस्थान , दिल्ली, मुंबई ,रांची व पटना जाने कि जरुरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि समाजसेवी शौकत खान और ऋषिकेश पांडेय जो समाज से जुड़े हुए व्यक्ति हैं। इनके द्वारा गढ़वा जिले में जेई, निट, एनडीए, ग्यारहवीं बारहवीं, नौवीं दसवीं के छात्र- छात्राएं कुशल और अनुभवी शिक्षक के द्वारा कम पैसों में उच्च कोटि का शिक्षा ग्रहण कर सकते है। इस ऐतिहासिक सोच के लिए हम शौकत खान और इनके परिवार जनों के साथ ऋषिकेश पांडेय को शुभकामनाएं और बधाई देते हैं। वहीं सेकंड स्कूल के संस्थापक ऋषिकेश पांडेय ने बताया कि मैंने पलामू में पहला इंस्टीट्यूट कि शुरुआत किया और छात्र- छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों का जो प्यार मिला और हमारे यहां से शिक्षा ग्रहण कर रहे कई बच्चों ने टौपर बनकर हमारे मेहनत को सफल बना दिया। आज उसी कड़ी में मैं समाजसेवी शौकत खान, डा. स्वेता प्रिया, सम्मी खान के साथ मिलकर गढ़वा में अपना सेकंड स्कूल इंस्टीट्यूट का फ्रेंचाइजी का शुभारंभ किया और गढ़वा के बच्चों का शिक्षा के प्रति उत्साहित देखकर मैं काफी उत्साहित हो गया हूं। क्योंकि उद्घाटन से पहले ही गढ़वा में पांच सौं अधिक बच्चों ने अपना नामांकन कराया है। वही तिरंगा वाले शौकत खान ने बताया कि मैंने अपना जीवन समाज हित के लिए समर्पित कर दिया हुं और गढ़वा जिले के लोगों की जो चिजों कि कमी मुझे महसूस होता है मैं उस कमी को पुरा करने का प्रयास करता हूं। गढ़वा जिले के बहुत सारे छात्र- छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त करने बड़े – बड़े शहरों में चलें जाते हैं और लाखों रुपए खर्च कर अपने परिजनों से दुर हो जाते हैं। यही सब बातें कई वर्षों से मेरे मन में चल रहा था । आखिर आज वो ऐतिहासिक दिन आ गया जब हमने गढ़वा जिले के बच्चे और अपने पड़ोसी राज्यों के छात्र- छात्राओं को कम पैसों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दे रहे हैं । हमने छात्र – छात्राओं के लिए बाहर से अनुभवी शिक्षक को लाया है और सभी क्लाश रुम वातानुकूलित बनाया है। छात्र- छात्राओं के लिए अलग-अलग लाइब्रेरी कि व्यवस्था किया गया है जहां बच्चे अच्छे माहौल में शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। इस मौके पर कई लोग उपस्थित थे।


