0 0 Share Read Time:2 Minute, 48 Second गढ़वा हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन पिछले दो दिनों से गढ़वा प्रवास के दौरान कार्यक्रमों में जिस तरह से जिला प्रशासन राशि का दुरुपयोग किया प्रशासनिक कार्यक्रम को जेएमएम का कार्यक्रम बना दिया। गढ़वा सभी प्रशासनिक अधिकारी जेएमएम कार्यकर्ता की तरह काम किया।झूठ और फरेब की बुनियाद पर टिकी हेमंत की सरकार पूरे 5 वर्ष तक 3:5 करोड़ जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया। जनता का तो कोई भला नहीं हुआ। यह सरकार राज्य के हर वर्ग के लोगों को छलने का काम किया। कल्पना सोरेन जिस तरह से बंसीधर नगर में चिल्ला चिल्ला कर कह रही थी कि ₹1000 मिला आप सभी दीदी को, सब दीदी लोग खुश है ना। कितना हास्यपद बात है। 58 महीने से सरकार कहां सोई हुई थी। विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि हेमंत सोरेन को जेल भेज दिया नहीं तो 7 माह का अब तक पैसा मिल जाता। गढ़वा के मिस्टेक विधायक जो मिस्टेक से पेयजल मंत्री भी हैं उनका बयान हमने देखा जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य में 54 प्रतिशत आबादी को शुद्ध पर पेय जल हम पहुंचा दिये। मिस्टेक विधायक पियोर झूठ बोल रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि अप्रैल और मई माह में गढ़वा में 4 हजार से अधिक चापाकल का वासर तक भी नहीं बदल सके, भारत सरकार द्वारा संचालित झारखंड के सिंगल विलेज में नल जल योजना के तहत 97 हजार गांव में आज तक काम शुरु भी नहीं हो सका। केन्द्र ने राशि निकासी पर रोक लगा दी। मिस्टेक विधायक जी फटा हुआ ढोल पीट कर कहते फिर रहे हैं कि विकास का गंगा बहा दिया।राज्य की हेमंत की सरकार डरी हुई है झारखंडी जनता में सरकार के प्रति काफी आक्रोश है ऐसे में जनता को एक बार पुनः लुभाने एवं बेवकूफ बनाने का सरकार काम कर रही है। राज्य की जनता भली भांति समझ चुकी है आने वाले विधानसभा चुनाव में महाठगबंधन की सरकार को सत्ता से बेदखल करेगी। 172 total views, 3 views today Share Love Facebook Twitter Pinterest LinkedIn About Post Author navneetkumar27828 Happy 0 0 % Sad 0 0 % Excited 0 0 % Sleepy 0 0 % Angry 0 0 % Surprise 0 0 % Post navigation पूर्व मंत्री गिरनाथ सिंह परिवर्तन सह जनसम्पर्क यात्रा गढ़वा प्रखंड के वार्ड संख्या 19 एवं पंचायत चिरौंजिया के ग्राम चिरौंजिया मे किया गया अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गढ़वा जिला इकाई द्वारा स्थानीय जिला समाहरणालय के समक्ष राज्य सरकार के शिक्षा, रोजगार, व महिला सुरक्षा पर पांच वर्षों के कुशासन व निरंकुशता के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया।