देवानंद कुमार शर्मा की रिपोर्ट

झारखंड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। भौतिक सत्यापन के दौरान सामने आया कि इंडसइंड बैंक के एक ही खाते से 95 बार आवेदन किया गया। इसमें बोकारो जिले के चास में 67 और गोमिया में 28 फर्जी आवेदन मिले।
इस घोटाले की जड़ें पलामू के सीएससी वीएलई सुमीत कुमार से जुड़ी हैं, जिन्होंने सभी फर्जी आवेदन किए। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस खाते का इस्तेमाल किया गया, वह पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर निवासी यूसुफ के नाम पर है। फर्जी लाभ लेने के लिए आवेदकों के नाम में “किस्कू”, “हांसदा”, “मुर्मू” जैसे जनजातीय उपनाम जोड़कर योजना का फायदा उठाने की कोशिश की गई।
21 नवंबर को एक ही दिन में दर्जनों आवेदन किए गए, जिससे इस घोटाले की पोल खुल गई। प्रशासन ने सभी फर्जी आवेदनों को तत्काल रद्द कर दिया और FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
11,200 डुप्लीकेट आवेदन मिले, पूरे राज्य में सख्ती
जांच के दौरान पूरे झारखंड में 11,200 डुप्लीकेट आवेदन पकड़े गए हैं, जिनकी दोबारा सख्त जांच जारी है। उपायुक्त विजया जाधव ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है और कहा है कि जो भी इस घोटाले में शामिल होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
सरकारी योजनाओं में बढ़ते फर्जीवाड़े पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है।
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