✍🏻गढ़वा ब्यूरो अरमान खान
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा)। श्री बंशीधर नगर क्षेत्र के वरिष्ठ शिक्षाविद एवं राजकीय मध्य विद्यालय जंगीपुर के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक शिव शंकर प्रसाद अग्रहरि उर्फ शंकर गुरुजी का मंगलवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर से पूरे नगर में शोक की लहर दौड़ गई है।
उनके छोटे पुत्र मुकुल रंजन ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से शुगर एवं सांस से संबंधित बीमारियों से पीड़ित थे। मंगलवार की सुबह रोज़ की तरह उन्होंने योग-व्यायाम किया और नाश्ता करने के बाद घर में आराम कर रहे थे। इसी दौरान करीब 10:30 बजे अचानक उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। परिजन तत्काल उन्हें एक निजी चिकित्सक के पास लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
स्व शिव शंकर प्रसाद अग्रहरि वर्ष 2003 में राजकीय मध्य विद्यालय जंगीपुर से प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।शिवशंकर प्रसाद एक आदर्श शिक्षक, सजग समाजसेवी और अनुशासनप्रिय मार्गदर्शक थे। वे एक अनुशासित, कर्मठ और समर्पित शिक्षक के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने शिक्षा को जीवन की साधना मानकर निःस्वार्थ भाव से पीढ़ियों को गढ़ा।
सादगी, सेवा और संस्कार उनकी पहचान थी, जिनसे लोग प्रेरणा लेते थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा। उन्होंने हमेशा बच्चों को पढ़ाई के प्रति गंभीर रहने और नैतिक मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा दी। उनका जाना न केवल एक परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।
वे अपने पीछे चार पुत्र, दो पुत्रियां, बहुएं और दर्जनों नाती-पोतों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को धमनी स्थित बाकी नदी के मुक्तिधाम पर किया जाएगा, जहां मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र राजीव रंजन अग्रहरि देंगे। उधर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
शोक-संतप्त परिजनों में विपुल रंजन, गोकुल रंजन, जयप्रकाश रमन, प्रेम प्रकाश रमन, शशि प्रकाश रमन, बसंत प्रकाश रमन, हिमांशु रंजन, नंदलाल रमन, आर्यन रंजन, आयुष रंजन, निखिल रंजन, रजत अग्रहरि, आदित्य रंजन सहित अन्य कई नाम शामिल हैं।
शिव शंकर प्रसाद अग्रहरि के निधन की सूचना मिलते ही क्षेत्र के शिक्षक समुदाय, समाजसेवी,राजनीतिक दलों के नेताओं एवं स्थानीय नागरिकों की भीड़ उनके आवास पर उमड़ पड़ी। सभी ने उनके योगदान को याद करते हुए शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।