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बालू और भू-माफ़िया के सरगना भी ईमानदारी की बात करने लगे – धीरज दुबे

गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी के बयान पर पलटवार

गढ़वा। झामुमो मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज कुमार दुबे ने गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी के हालिया बयान पर तीखा प्रहार किया है। विधायक ने कहा था कि गढ़वा में माफियागिरी नहीं चलने देंगे जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए धीरज दुबे ने कहा कि अब तो बालू और भू-माफ़िया के सरगना भी ईमानदारी और कानून की बात करने लगे हैं।

धीरज दुबे ने आरोप लगाया कि विधायक स्वयं माफियागिरी और ठेकेदारी तंत्र के सरंक्षण में लिप्त रहे हैं, ऐसे में उनके द्वारा दिया गया यह बयान जनता के साथ मज़ाक है। उन्होंने कहा कि गढ़वा की जनता सब जानती है — किसके संरक्षण में बालू घाटों की लूट मची थी, रघुवर दास के सरकार में दानरो नदी का बालू उठाकर उत्तर प्रदेश भेज दिया गया जिसका दंश आज भी गढ़वावासी झेल रहे हैं, दानरो नदी बालू विहीन हो जाने से गढ़वा शहर का जलस्तर में भारी गिरावट हुआ है। नदी नाले के रूप में तब्दील होते जा रही है। यही स्थिति भूमि के मामले में भी हो रहा है। भू माफियाओं को संरक्षण देकर ज़मीन का अवैध कारोबार कराया जा रहा है!

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर वाकई विधायक को माफियागिरी रोकनी है, तो पहले अपने चहेतों और साझेदारों पर नकेल कसें, फिर जनता को भाषण दें।

धीरज दुबे ने यह भी कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार पारदर्शिता और जनहित के प्रति प्रतिबद्ध है, भू माफियाओं के चलते हो रहे अपराध पर जिला प्रशासन अंकुश लगाने में सफल हुई है! गिरोह बनाकर अपराधियों के गुर्गे जबरन रैयत की ज़मीन को हथियाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं। जमींदार के वंशज को ज़मीन हड़पने के नियत से नशाख़ोर बनाने का षडयंत्र भी भू माफियाओं के द्वारा रचा जा रहा है। विगत वर्षों कई मामलों में भूमि विवाद के कारण हत्याएं हुई है।

श्री दुबे ने विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी के ख़िलाफ़ सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा विधायक कोटे की राशि का उपयोग का अधिकार तीसरे व्यक्ति को दे दिया गया है जो चुनाव में उनको आर्थिक सहयोग किए थे। परिणामस्वरूप विधायक कोटे की राशि में बंदरबांट देखने को मिल रहा है। कमीशन देने वाले व्यक्ति को है ही चापाकल का लाभ दिया जा रहा है। चापाकल के लिए होने वाला बोरिंग में भी भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा। जहां बोरिंग की गहराई 210 फ़ीट होनी चाहिए थी उसके बजाय 60-150 फ़ीट ही बोरिंग किया गया है।

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Chandesh Raj

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