नगर परिषद अध्यक्ष तथा अन्य महिलाओं ने हर्षोल्लास से मनाई हरितालिका तीज।
शहर में महिलाओं ने हरतालिका तीज का पर्व काफी उत्साह धूमधाम के साथ मनाया। इस अवसर पर मंदिरों, बाजारों में काफी रौनक रही। बाजारों में सुहाग सामग्री खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ रही। विवाहित स्त्रियों के अलावा अविवाहित युवतियों ने भी यह व्रत रखा। विवाहित महिलाओं ने यह व्रत अपनी पति की लंबी आयु के लिए रखा। वहीं अविवाहित युवतियों ने परिवार की सुख-शांति, समृद्धि अच्छे वर प्राप्ति के लिए व्रत रखा। भगवान शिव देवी पार्वती को प्रसन्न करने के लिए महिलाओं ने मंदिरों में पंचामृत से शिवलिंग को स्नान करवाया। महिलाओं का मानना है कि सबसे पहले देवी पार्वती ने इस व्रत को रखा था। इस दौरान ने महिलाओं ने मंदिरों में गौरी-शंकर का पूजन किया। प्रसाद का भोग लगाया आैर देवी पार्वती को सुहाग सामग्री भी समर्पित की।
गढ़वा नगर परिषद अध्यक्ष श्री मति पिंकी केशरी जी ने बोला की हरतालिका व्रत के पर्व पर सूर्योदय से पहले उठकर नहा- धोकर पूरा शृंगार किया जाता है। पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी- शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके बाद देवी पार्वती को सुहाग सामग्री अर्पित की जाती है। रात के समय भजन- कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है। इसके बाद शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है। हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। हरतालिका तीज को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। उन्होंने कहा कि देवी पार्वती के एक ही रूप मां हरतालिका को समर्पित हरतालिका तीज उस दिन की याद में मनाई जाती है, जब भगवान शिव ने देवी पार्वती को स्वीकार किया था। महिलाओ ने कार्यक्रम में काफी उत्साह दिखाया।

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