*पलामू जिला ब्यूरो चीफ लवकुश कुमार सिंह की रिपोर्ट*
हुसैनाबाद: पलामू में जुलाई महीना समाप्त होने के बाद भी आवश्यकता से मात्र पच्चीस प्रतिशत ही बारिश होना साक्षात अकाल सुखाड़ का लक्षण प्रदर्शित करता है।अभी तक धान का आच्छादन जिले में तकरीबन पांच प्रतिशत ही हुआ है।परन्तु सुखाड़ प्रबंधन के नाम पर अभी तक सरकार की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। उक्त बातें किसान ब्रिगेड संरक्षक कर्नल डॉ संजय कुमार सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कहीं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक नदी से चारो तरफ घिरे होने के बावजूद पलामू की ज्यादातर भूमि असिंचित है। उक्त भूमि को सिंचाई हेतु किसानों ने वैकल्पिक व्यस्था बनाते हुए जमीन में काफी मात्रा में डीप बोर कराने की वजह से जलस्तर बहुत नीचे चला गया है जिससे पेयजल की किल्लत होने लगी है।वर्ष 2022- 23 के सूखे के दंश से पलामू की जनता की जनता उबर भी नही पाई थी। सरकार ने जनता के साथ जितना सुखाड़ का मुवाबजा देने का वादा किया था अभी तक नही दिया और फिर से लगातार दूसरे वर्ष किसान फिर से अकाल सुखाड़ की चपेट में आने वाले हैं।आद्रा नक्षत्र के बीतने के महीनों बाद भी धान का बिचड़ा अभी तक नहीं लगाया गया है जो स्पष्ट रूप से अकाल का दस्तक है।अभी तक किसानों ने धान का बिचड़ा लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 5 प्रतिशत ,दलहन की खेती लक्ष्य के विरूद्ध 25 प्रतिशत,तेलहन 21 प्रतिशत तथा मोटा अनाज लक्ष्य के विरूद्ध 18 प्रतिशत का ही रोपा कर पाए हैं। उक्त मुद्दे पर शीघ्र ही किसान ब्रिगेड का प्रतिनिधि मण्डल पलामू उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपेगी। मौके पर समाजसेवी सुदेश प्रजापति उमेश मेहता मनोहर सिंह गणेश प्रजापति श्याम बिहारी मेहता सुभाष कुमार पप्पू सिंह व बिट्टू कुमार उपस्थित थे।
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