पलामू जिला ब्यूरो लवकुश कुमार सिंह की रिपोर्ट
विधानसभा के किसानों की मूलभूत समस्याओं से निदान दिलाने के लिए किसान ब्रिगेड संस्था की स्थापना कर्नल (डॉ) संजय कुमार सिंह के व्यापक सोच से हुआ जिसमें सभी का अपार जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है और इसी कारण संस्था का मनोबल भी बढ़ रहा है।
जैसा कि आप सभी को ज्ञात है रेलवे लाइन के चौड़ीकरण का कॉन्ट्रैक्ट महाराष्ट्र की अशोका बिल्डकॉन नामक कंपनी को मिला है जिसका कैम्प ऑफिस सोनवर्षा मोड़ पर बनाने के लिए सोनवर्षा गांव के ही सभी ग्रामीणों ने अपनी खेती वाली उपजाऊ जमीन दिया है क्योंकि हम विकास चाहते हैं। इन जमीन देने वालों में सोनवर्षा के किसान ब्रिज किशोर सिंह भी हैं जिनका पुत्र शशिकांत सिंह (P-WAY employee No 19271 )इसी कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था जिनकी मृत्यु कंपनी के काम करते हुए मोटर एक्सीडेंट में नौ महीना पहले हो गया लेकिन कंपनी ने वादा करके मृतक या उसके आश्रित परिवार को अभी तक कोई मुवाब्जा राशि का भुगतान नहीं किया है न ही करने के मूड में है।मृतक के आश्रित परिवार द्वारा मुवाबजा राशि मांगने पर तानाशाह रवैया के साथ दुर्व्यवहार और केस में फसाने की धमकी दिया जाता है।
ये कंपनी अपने कैंप ऑफिस हेतु लीज पर जमीन लेने से पहले जो राशि की बात हुई थी उतना भी किसानों को नहीं दिया गया और सभी से बहला भुसला कर डरा धमका कर औने पौने दर पर जमीन लीज ले लिया गया। लेकिन जमीन घेरते समय कुछ भूमाफियाओं को मिला कर सोनवर्षा गांव का फुटबॉल ग्राउंड जो सरकारी जमीन था उसे भी घेर लिया गया जिससे गांव के युवाओं के खेल खुद की जगह भी छीन गई है।
कंपनी ने बहुत सारे कर्मचारियों को पीएफ और ईएसआई का सदस्य भी नही बनाया है जिसके चलते इस कंपनी के सभी कर्मचारी इससे मिलने वाली सुविधा जैसे दिव्यांगता पेंशन, आकस्मिक उपचार राशि और मृत्योपरांत अश्रितो को मिलने वाले लाभ से वंचित रह रहे है जो एंप्लॉई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट 1948 कंपनी नियम के विरुद्ध है।
सभी जानते हैं कि अशोका बिल्डकॉन अपने कॉन्ट्रैक्ट से अपना जेब भरने के लिए हमारे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं,भारी मालवाहक वाहन और मशीनरी से प्रदूषण और धूलकण को बढ़ाते हैं जिसका दुष्प्रभाव स्थानीय ग्रामीणों के स्वास्थ्य,सड़क और फसल के उपज पर पड़ता है। जिसकी भरपाई भारत सरकार के कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के तहत अपने प्रॉफिट का 2% राशि स्थानीय लोगों के लिए कल्याणकारी कार्य में खर्चा करना है । क्योंकि अशोका बिल्डकॉन कंपनी का निवल मूल्य (Net Worth) ₹ 500 करोड़ और कुल कारोबार (Turnover) ₹1000 करोड़ तथा शुद्ध लाभ (Net Profit) ₹5 करोड़ से अधिक है अतः अपने पिछले तीन वर्षों के शुद्ध लाभों के औसत का 2% CSR गतिविधियों पर खर्च करने के लिये कंपनी पूर्णतः बाध्य है। लेकिन कंपनी द्वारा अभी तक स्थानीय ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कोई कल्याण कार्य नहीं किया गया है जो कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 का सरासर उल्लंघन है।साथ ही साथ कंपनी द्वारा स्थानीय कुशल मजदूर लोगों को नकार कर बाहर के लोगो से काम करवा रही है जिससे यहां के मजदूर पलायन करने पर मजबूर हैं।
क्योंकि कंपनी ने शशिकांत सिंह का ईएसआई सदस्यता नही करवाया था अतः इसके प्रावधान में लागू तीस लाख रुपए का मुवाबजा देने,कारपोर्ट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत पानी का छिड़काव कराने,स्थानीय सड़कों की मरम्मत कराने ,अपने सभी कर्मचारियों को पीएफ और ईएसआई दिलाने का काम नही करती है तब तक स्थानीय ग्रामीण 23 फरवरी 2022 सुबह दस बजे से अनिश्चितकालीन कम्पनी के साथ असहयोग आंदोलन करेंगे जिसमे सभी कंपनी कर्मचारी इनके कार्यों का हर जगह बहिष्कार और कंपनी कैंप ऑफिस का तालाबंदी करेंगे।
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