नवनीत कुमार की रिपोर्ट
गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री सत्येंद्र नाथ तिवारी जी ने कहा कि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में हेमंत सोरेन की सरकार अबुआ आवास के नाम पर बुआ का खिलौना बना दिया है।
सबसे पहले तो आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार के नाम पर हजारों हजार लोगों से आवेदन ली, फिर उसे ऑनलाइन पोर्टल पर डलवाया।
पुनः मुखिया के द्वारा इसे आमसभा से पारित करवाया गया, फिर कुछ ही दिनों बाद प्राथमिकता सूची तय कराई गई।
तब जैसे ही जिला को सूची भिजवाया गया तब आरक्षण कोटी बार नहीं होने के कारण उन्हें वापस भिजवा दिया गया तथा पुनः कोटी बार सूची उपलब्ध करवाने का मुखिया को निर्देश दिया गया।
परंतु आश्चर्य तो तब हो गया जब जिला से अबुआ आवास के लाभुकों का सूची जारी हुआ।
अब बेवजह अन्य अधिकारियों को इन सूचियां में से सही लाभुकों को चयनित करने के लिए जांच पड़ताल के नाम पर कई दिनों तक बेवजह अतिरिक्त कार्य का भार दिया गया जो समझ से परे है।
पंचायत में वैसे लाभुकों का सूची चयन हुआ है। जिसका पीएम आवास तत्काल मिला हुआ है ।साथ ही जिनका पीएम आवास कार्य अभी चल रहा है।
तथा जिनका ऑनलाइन आवेदन भी नहीं हुआ है
साथ ही जिनका नाम मुखिया भेजे तक भी नहीं है।
जो व्यक्ति आवास पाने के योग्य नहीं है वैसे दर्जनों लाभूको का नाम सूची में उल्लेखित है वैसे लोग का नाम सूची में पंचायत को उपलब्ध कराया गया है।
इस तरह से कार्य करके झारखंड सरकार द्वारा झारखंड के सभी मुखिया का अपमान भी करने का कार्य किया है।
अच्छा तो तब होता जब यह सब बिना ड्रामा किए ही झारखंड की सरकार अपने कार्यकर्ताओं के कहने पर ही अबुआ आवास स्वीकृत कर देती जिसमें किसी मुखिया, न ही अन्य जनप्रतिनिधि का कार्य लगता।
आज झारखंड सरकार को बताना चाहिए कि जब आपके पास सीमित अबूआ आवास का आवंटन था तो आपने झारखंड की जनता को बेवकूफ बनाने के लिए बड़ा टेंट, पंडाल लगाकर हजारों हजार की संख्या में अबुआ आवास का फॉर्म जमा करके गरीबों के साथ क्रूर मजाक करने का काम क्यों किया। इस संवेदनहीन कार्य के लिए सरकार को गरीब जनता की आह जरूर लगेगी।
मैं फिलवक्त अबूआ आवास के नाम पर लगातार हो रहे ड्रामे एवं अवैध पैसे की वसूली को बंद कर सभी मुखिया के द्वारा भेजे गए सूची को जल्द से जल्द स्वीकृति दिलाने की मांग करता हूं। ऐसा नहीं होने पर आम जनता सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होगी।
329 total views, 1 views today