विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकार हमारी 11 सूत्री मांग पूरा नहीं किया तो सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे : ब्रह्मदेव प्रसाद
झारखंड। विधानसभा के समक्ष ओ.बी.सी. एकता अधिकार मंच , झारखंड प्रदेश के तत्वाधान में एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया जिसमें 11 सूत्री मांग राज्य व केंद्र सरकार से पूरा करने का चेतावनी देते हुए केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद ने कहा की हम झारखंड राज्य में 55% प्रतिशत के आबादी में निवास करते हैं और हमारी योगदान राज्य व केंद्र के विकास में अहम भूमिका होती है। ओ.बी.सी. का मतलब “ऑर्गेनाइज बेस्ट कम्युनिटी” होता है हम खेती, किसानी, निर्माण, पशुपालन, व्यापार, नौकरी, उत्पादन, मछली पालन, कपड़ा बुनकर एवं अन्य कुटीर व घरेलू उद्योग सभी हम ऑर्गेनाइज तरीके से करते हैं। हम ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर भी देश की अर्थव्यवस्था का रीड की हड्डी है। इसके बावजूद भी हमें राज्य व केंद्र सरकार द्वारा छला जाता है।हम एकीकृत बिहार में हमारा आरक्षण 27% था परंतु झारखंड राज्य अलग होने के बाद हमारा आरक्षण घटाकर 14% कर दिया गया है यहां तक की 11 जिलों में मेरा स्थानीय नियोजन में आरक्षण ही समाप्त कर दिया गया है ।जिस कारण ओ.बी.सी. समाज के शिक्षित युवक युवतियां बेरोजगारी का दंश झेलते हुए पलायन को मजबूर है। हमें आरक्षण राज्य की स्थापना के बाद से 24 वर्षों तक एन.डी.ए. एवं यू.पी.ए. की सरकार ओ.बी.सी. परिवार को केवल छलने व ठगने का काम किया है। हमारा संवैधानिक अधिकार दोनों पार्टियों चाहे यू.पी.ए. हो या एन.डी.ए. छिनने का काम किया है ।हम राज्य सरकार से यह मांग करते हैं कि राज्य सरकार झारखंड में चुनाव से पूर्व जाति आधारित जनगणना कराकर जनसंख्या के अनुपात में पुरुष एवं महिलाओं को राजनैतिक , शैक्षणिक, सरकारी व गैर सरकारी नौकरियों में आरक्षण एवं हिस्सेदारी व भागीदारी सुनिश्चित कर सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक रिपोर्ट जारी करें। 11 जिलों में जो स्थानीय स्तर पर आरक्षण शून्य है उसे आरक्षण तुरंत बहाल करें राज्य सरकार पंचायत व निकाय चुनाव में ओ.बी.सी. को आरक्षण सुनिश्चित करें एवं लोकसभा विधानसभा के लिए सीटों को आरक्षित करने हेतु राज्य सरकार से प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र को अग्रसारित करने का काम करें। हमारे समाज में 65% युवाओं की जनसंख्या है। और हमारे ओ.बी.सी. समाज में युवा जा चुके हैं युवा तब तक लड़ता रहेगा जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती राज्य सरकार ओ.बी.सी. के शिक्षित युवक – यूतियों के 10000 मासिक बेरोजगारी भत्ता दे । आप देख रहे हैं कि पढ़े-लिखे छात्र-छात्राओं को किस तरह से जीवन बर्बाद किया जा रहा है गरीब छात्र-छात्राओं के माता-पिता अपना पेट काटकर बच्चों को पढ़ाते हैं परंतु जब परीक्षा देकर नौकरी पाने की बारी आती है तो पैसे वाले लोगों के लिए पेपर लीक करा कर गरीब छात्र-छात्राओं का भविष्य बर्बाद किया जाता है इसीलिए ओ.बी.सी. एकता अधिकार मंच सरकार से मांग करती है कि ओ.बी.सी. के छात्र-छात्राओं के लिए प्रखंड से लेकर राज्य स्तर तक निशुल्क सभी सुविधा युक्त छात्रावास की व्यवस्था की जाए आप देख रहे हैं कि किस तरह से जमीन का मामला पूरे राज्य में किसानों का जमीन लूटा जा रहा है जमीन माफियाओं द्वारा और किसान आत्महत्या करने को मजबूर है इसलिए मंच यह मांग करता है कि जो भी ओ.बी.सी. परिवार के लोगों को जमीन लूट गया है या लूटा जा रहा है उसे वापस कराते हुए दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए आप देख रहे हैं कि राज्य में किस तरह अपराध बेकाबू है और खासकर ओ.बी.सी. परिवार के व्यवसायियों को निशाना बनाकर दुकानों में लूटपाट, दुकानों का ताला तोड़कर चोरी व डकैती, हत्या, रंगदारी का मांग किया जाता है परंतु सरकार द्वारा अभी तक उनकी सुरक्षा की जिम्मेवारी उठाने से भागती रहती है इसलिए मंच यह मांग करती है कि व्यवसायियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए अलग से (SSA) स्पेशल सुरक्षा एजेंसी बनाकर उनकी सुरक्षा प्रदान करें। झारखंड में पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन तो किया गया है परंतु उसे निष्क्रिय रखा गया है मंच या मांग करती है कि आयोग को सक्रिय करते हुए पिछड़ा वर्ग के लिए अलग से भी कोर्स की स्थापना कर राशि का व्यवस्था करते हुए बेरोजगार युवा- युवतियों एवं छात्र-छात्राओं के लिए स्वरोजगार व शिक्षा हेतु अनुदान के रूप में राशि उपलब्ध कराए , हमारे महापुरूषों ने पिछड़ों की लड़ाई लड़ते हुए जो मांगे रखी गई थी उसे अभी तक पूरा नहीं किया गया ओ.बी.सी. के किसानों, पशुपालक को महिलाओं को कुटीर उद्योग हेतु व्यवसायियों के व्यापार हेतु बिना ब्याज 10 लाख तक का लोन उपलब्ध कराए।
ओ.बी.सी एकता अधिकार मंच के केन्द्रीय सदस्य गोरख नाथ चौधरी ने कहा कि झारखंड सरकार चुनाव में घोषणा की थी की सरकार बनते ही रोजगारों को प्रत्येक वर्ष 5 लाख नौकरी देंगे लेकिन यह सरकार केवल घोषणा की सरकार रह गई है छात्र-छात्राओं को मुक्त शिक्षा, महिलाओं को रोजगार हेतु राशि शिक्षित युवाओं को रोजगारी भत्ता, व्यवसाययों को लूट, रंगदारी, हत्या, गोली चालन से मुक्ति किसानों को लूटी गई जमीन वापसी, जनगणना कराकर जनसंख्या का अनुपात में नौकरियां, शिक्षण संस्थानो, गैर सरकारी संस्थानों में आरक्षण जब तक पूरा नहीं करती है तब तक यह मंच जिस तरह से महिलाओं, छात्र ,नौजवान साथियों व बुद्धिजीवी लोगों द्वारा पलामू की धरती से आगाज किया है चिंगारी के रूप में और गोला के रूप में झारखंड में फैलने का काम किया है आगे ज्वालाभारकी का रूप लेकर देश की राजधानी दिल्ली को हिलाने का काम करेगा और यह मंच पूरे देश में अपनी मांग को लेकर लगातार आवाज बुलंद करते हुए अपनी जान की कुर्बानी भी देने को तैयार रहेगा और अपनी अधिकार की लड़ाई में अपनी कुर्बानी हंसते-हंसते देकर रहेगा। शांतिपूर्ण तरीके से हमलोग अपना मांगपत्र को सरकार के प्रतिनिधि से लेने को कहा लेकिन लपहवाही बरदते हुए मांग पत्र लेने नही आए तब धरना प्रदर्शनकारियो ने विधानसभा की ओर कूच किया तो झारखण्ड सरकार ने अपने पुलिस प्रशासन से रोकवाने का कार्य किया जिसका हमलोग कड़ी निन्दा करते है और ये सरकार ओबीसी विरोधी सरकार है युवा विरोधी सरकार है। हम बरदास नही करेंगे जब तक हमारा मांग पूरी नहीं करती है संघर्ष जारी रहेगी ।
मौके पर केंद्रीय महासचिव श्रवण कुमार , विजय साहू (चतरा) , गोरखनाथ चौधरी (खरौंधी), डॉ राज नारायण सिंह पटेल (डाल्टनगंज), वरुण बिहारी यादव(भवनाथपुर) , बबलू टाइगर ( रांची ) , शकुंतला जयसवाल ( रांची) , मंजू देवी ( रांची ) , चंचला देवी ( यमुना नगर ) जय चौरसिया ( अरगोड़ा ) पिंटू यादव ( बरडीहा ), प्रमोद सोनी ( पंडवा ) , संजय ठाकुर ( चतरा) , कृष्ण ठाकुर ( चतरा ) , शशि कांत गुप्ता ( सौंदा बस्ती ) , संजय गुप्ता ( खुठेरिया ) अशोक प्रसाद ( मुरमा ) नवीन कुमार ( कांके रोड ) कलामुद्दीन अंसारी ( मंझिआंव) , एमडी नसीम अख्तर ( बरडीहा ) बिनोद कुमार पासवान ( सिगसिगी ) महफूज आलम ( भवनाथपुर) नारद प्रसाद ( नैनाबार ) हिमालय कुमार ( रांची ) अमर प्रसाद ( गढ़वा ) व हजारों लोगो मौजूद थे।