खरौंधी प्रखंड से चंदेश कुमार पटेल की रिपोर्ट
जिस तरह मिट्टी को गर्म कर एक मजबूत ईटा बनाया जाता है उसी तरह दुदुन मेहता अपने हौसले और परिश्रम से पीएचडी कर उन युवकों को भी बड़ी सिख दी है जो गरीबी और पैसे के आभाव में अपना पढ़ाई मैट्रिक इंटर तक ही कर छोड़ देते हैं। उन्होंने सिख दिया है की यदि लगन और इरादें के साथ कड़ी मेहनत किया जाए तो कोई भी बाधा सफलता हासिल करने में मुसीबत नहीं बन सकती। जरुरी है सिर्फ नेक इरादे और परिश्रम की ।
खरौधीं । प्रखंड के अरंगी पंचायत के दुदुन मेहता मध्यम वर्ग से सबंध रखते हैं। इनका पिता एक किसान हैं जो खेती बाड़ी कर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। रामराज मेहता ने एक छोटी सी गावं मे सब्जी उगाकर एवं बेचकर अपने बेटे को पीएचडी की डिग्री दिलाकर एक बड़े मुकाम पर पहुंचाया है। दुदुन मेहता के परिजनो ने बताया की आज ऐतिहासिक दिन होगा, हमारे अरंगी गावं व पंचायत ही नहीं बल्कि पूरे खरौंधी प्रखंड के लिए जब एक मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखने वाले का बेटा, डॉ दुदुन मेहता (सहायक प्राध्यापक- जंतु विज्ञान, उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग), JNU से Ph.D की डिग्री प्राप्त कर अपने गांव में आया है। जिसके पिता एक किसान हैं। जिनका बेटा आज देश का सबसे बड़ा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) जहां देश ही नहीं दुनिया के कई देशों के स्टूडेंट्स शोध व शिक्षा ग्रहण करते हैं,उसी जेएनयू से डाॅक्ट्रेट की उपाधि हासिल करने वाले, युवाओं,विद्यार्थियों और गरीबों के प्रेरणास्रोत डॉ दुदुन मेहता को अरंगी गाँव मे फुल मालाओं के साथ स्वागत किया गया है ।दुदुन मेहता का कहना है कि आज वे जो कुछ भी हैं माता-पिता की बदौलत हैं जिन्होंने अपनी गरीबी की परवाह न करते हुए हमारे पढ़ाई में कोई कमी न आने दी।




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