विशुनपुरा : विशुनपुरा प्रखंड के पिपरी कला गांव के वियार टोला स्थित नव प्राथमिक विद्यालय की संयोजिका पूनम देवी को गत शुक्रवार को करीब 12 बजे दिन में स्कूल में बच्चो को मिलने वाली एमडीएम का चावल घर ले जाने के दौरान ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ कर प्रमुख दीपा कुमारी को सूचित किया फलस्वरूप प्रमुख प्रतिनिधि के तौर पर घटनास्थल पर चंदन मेहता पहुंचे और मामलो को जायजा लिए और स्कूल में संचालित एमडीएम के साथ साथ शैक्षणिक गतिविधि को लेकर भी स्कूल के हेड मास्टर दिनेश पांडे सहित स्कूल के बच्चो से बात की और काफी नाराजगी व्यक्त की प्रमुख प्रमुख प्रतिनिधि ने कहा की यहां की हर एक चीज के बारे में प्रमुख मैडम को अवगत कराया जायेगा और कड़ी करवाई हेतु विभागीय करवाई के लिए अग्रसारित किया जाएगा बच्चो के भविष्य के साथ खेलने वाले लोगो को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जायेगा । मौके पर शिक्षा विभाग के बीपीएम सुदीप श्रीवास्तव नंदलाल बियार, कुशुमरी देवी ,राजू सिंह सहित कई लोग थे
प्रमुख प्रतिनिधि ने स्कूल में क्या पाई समस्या :
बच्चे का स्कूल में कुल उपस्थिति 22 और उपस्थिति पंजी में 75 के आस पास मतलब 3 गुना फर्जी बच्चो का उपस्थिति पंजी में हाजरी बन रहा और उसके हिसाब से मिली एमडीएम की राशि और अनाज को गबन किया जा रहा ।
स्कूल में पढ़ाई की गुणवत्ता शून्य आधी बच्चो को स्कूल का नाम भी पता नही
स्कूल में बच्चो का हाजरी उपस्थिति पंजी घर ले जाकर घर में बनाया जा रहा ।
स्कूल में रजिस्टर और स्टोक पंजी रोज अपडेट करने के बजाय महीनो में हो रहा सिर्फ उपयोगिता प्रमाण पत्र दिखा कर एमडीएम का राशि लिया जा रहा
हेड मास्टर के और स्टोक पंजी हिसाब चावल स्टॉक में 200केजी और गोदाम में मिले 350 केजी।
स्कूल में साफ सफाई शौचालय की गुणवता अत्यन्त ही निराशा जनक और शौचालय भी उपयोग लायक नही ।
पेय जल की संकट फिर भी विकास की राशि खत्म।
क्या होगी इन कमियों को लेकर ब्लॉक प्रमुख की करवाई :
प्रमुख प्रतिनिधि चंदन मेहता ने कहा की सबसे पहले स्कूल में मिली कमियों को विस्तार से प्रमुख को अवगत कराया जायेगा फिर विभागीय वरीय अधिकारी को नियम संगत करवाई के लिए लिखा जायेगा ।प्रमुख दीपा कुमारी के रहते कोई भी बच्चा ,विधवा महिला ,बुजुर्ग गार्जियन, दिव्यांग लोग किसी का हक किसी को मारने नहीं दिया जाएगा। इस चीज को लेकर आश्वस्त किया जाता है
क्या है एमडीएम योजना : यह केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त प्रयास से संचालित सफल योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पोषक स्तर बेहतर बनाना है ताकि कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार न हो । यह योजना कुपोषित वर्ग के लोगो को शिक्षा से जोड़ने में रामबाण साबित हुआ है ।
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