

अनुमंडल ब्यूरो राहुल वर्मा की रिपोर्ट
रमना । प्रखंड मुख्यालय रमना और सिलीदाग पंचायत के वीरकुअर की सीमा पर लगभग आठ एकड़ से अधिक भूभाग में फैला बारो पहाड़ लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते जा रहा है। चारों ओर से घनी आबादी के बीच खड़ा यह पहाड़ न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है, बल्कि धार्मिक आस्था का प्रतीक भी बन चुका है। पहाड़ की चोटी पर स्थित दो प्राचीन शिलाओं की पूजा ग्रामीण वर्षों से करते आ रहे हैं।
करीब 80 वर्षीय त्रिवेणी राम बताते हैं कि पूर्वजों के समय से यहां शिव-शक्ति की पूजा होती आ रही है। चैत्र नवरात्र और सावन माह में विशेष आयोजन होता है। सच्चे मन से मांगी गई मन्नत यहां अवश्य पूरी होती है।”
सहयोग से बारो पहाड़ का हो रहा है विकास
दो पंचायतो की सीमा पर खड़ा बारो पहाड़ का धीरे-धीरे स्थानिए जागरूग ग्रामिणों के सहयोग से विकास कार्य शुरू हुआ है। पंचायत निधि से पहाड़ी के ऊपर जाने के लिए सीढ़ी और छठ घाट का निर्माण कराया गया है। पहाड़ की चोटी से रमना और सिलीदाग पंचायत का खुशनुमा दृश्य, सूर्य उदय और सूर्यास्त का मनमोहक नजारा दिखाई देता है। इसी वजह से लोगों में बारो पहाड़ को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की मांग तेज हो गई है।
वर्षों से उठ रही है विशेष दर्जे की मांग
रमना और सिलीदाग पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि बारो पहाड़ का विकास क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का जरिया बन सकता है। इस संबंध में कई बार स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया है।
