चिनिया प्रखंड के डोल पंचायत के चपकली गांव में डोभा निर्माण में जेसीबी मशीन के उपयोग की शिकायत मिलने के आलोक में गुरुवार को चिनिया प्रखंड विकास पदाधिकारी सुबोध कुमार प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी शशि रंजन व तकनीकी टीम मौके पर पहुंची। बताते चले की इस पंचायत के शिकायतकर्ता संतोष कुमार गुप्ता पिता अवध बिहारी गुप्ता ने आरोप लगाया था कि मजदूरों के बजाय जेसीबी मशीन से डोभा निर्माण कार्य में खुदाई कराई जा रही है और इसकी तस्वीरें भी उच्च अधिकारियों को आवेदन के साथ संलग्न भेजी गई हैं। जो यह मनरेगा नियमों का उल्लंघन है, और यहां की मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण मजदूर पलायन करने को बिवश है, इसकी जांच कर उन्होंने संलिप्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। वही जांच टीम ने स्थल निरीक्षण के दौरान मनरेगा जॉन ऐप व जीपीएस मैपिंग के जरिए पूरा लोकेशन स्कैन किया। जेई मनोज कुमार व रोजगार सेवक कृष्ण शर्मा ने स्पष्ट बताया कि जहां शिकायत की गई है, उस जगह के 50 मीटर पर न तो कोई सरकारी योजना स्वीकृत है, न ही जियो टैग मौजूद है। वही चपकली गांव के ही उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि वे अपनी निजी जमीन से ईंट गढने के लिए मिट्टी कटवा कटवा कर ले जा रहे थे, जिसे आधार बनाकर संतोष कुमार गुप्ता ने इसे सरकारी डोभा बताकर शिकायत की है।
मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी सुबोध कुमार ने कहा की हम शिकायत के आधार पर पूरी टीम के साथ जांच करने पहुंचे थे, लेकिन देखने से तथा अधिकारियों के मनरेगा जॉब एप जीपीएस द्वारा मौके पर किसी भी डोभा योजना का अस्तित्व नहीं मिला। फिर भी रेकर्ड,चेक स्लिप और सभी दस्तावेजों की जांच कर अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
जांच टीम ने साफ कह दिया कि यहां कोई मनरेगा डोभा योजना पास ही नहीं है, ऐसे में जेसीबी से डोभा निर्माण का सवाल ही नहीं उठता।
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में चर्चा गर्म है कि बिना योजना वाली जमीन पर कैसे डोभा निर्माण का आरोप लगाया गया। जांच के दौरा वीडियो सुबोध कुमार, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी शशि रंजन, पंचायत सेवक कमलेश कोरवा, जेई मनोज कुमार, रोजगार सेवक कृष्ण शर्मा , ग्रामीण उमाशंकर गुप्ता संतोष कुमार गुप्ता, विजय सिंह, अर्जुन प्रजापति मुकेशप्रसाद सहित कई लोग मौजूद थे।
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