मंझिआंव से संवाददाता अमित कुमार की रिपोर्ट
मंझिआंव।गढ़वा।
गढ़वा जिला के मंझिआंव प्रखंड व नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत सुहागिन महिलाओ ने शिव मंदिर परिसर के समीप बरगद पेड़ के नीचे सुहागिन महिलाओ ने बड़े ही धूमधाम वह हर्षों उल्लास से अपने पति की लंबी उम्र व स्वास्थ्य जीवन के लिए पूजा अर्चना किया।
सुहागिन महिलाओं के लिए वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। हर साल देश भर में हिंदू महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य के लिए वट सावित्री की पूजा करती है। इस पर्व पर वह बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह त्योहार सुहागिन महिलाएं अपने पति और बच्चों के स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना के लिए मनाती है।
हिंदू कथाओं के अनुसार, इस दिन, देवी सावित्री ने अपने पति सत्यवान को पुनः जीवित करने के लिए यमराज से लड़ाई लड़ी थी। जिसे बाद यमराज उनकी भक्ति से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उनके पति सत्यवान को पुनः जीवित कर दिया था। जिसके बाद से इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और वट सावित्री से अपने पति को लंबी उम्र और स्वास्थ्य का आशीर्वाद देने की प्रार्थना करती हैं। हालांकि उत्तर भारत में यह व्रत अमावस्या को मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण भारत में वैशाख के महीने में पूर्णिमा को भी यही त्योहार मनाया जाता है। जो की उत्तर भारत की तुलना में 15 दिन बाद मनाई जाती है। उत्तर भारत में यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है।

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