चलती ट्रेन के सामने आया 12 हाथियों का झुंड, देखें
लोको पायलट ने कैसे बचायी हाथियों की जान
हावड़ा जबलपुर शक्तिपुंज एक्सप्रेस की चपेट में आने से 12 हाथियों की जान बची।
झारखंड के लातेहार जिले के छिपादोहर एवं हेहेगढ़ा रेलवे स्टेशन के बीच रेल चालक की सूझबूझ से 12 हाथियों की जान बच गयी. यह घटना 26 अगस्त शुक्रवार शाम की है. जब शक्तिपूंज एक्सप्रेस छिपादोहर और हेहेगढ़ा रेलवे स्टेशन से पार कर रही थी. इसी दौरान अचानक जावा नदी के पास 12 हाथियों का झुंड रेलवे लाइन पार कर रहा था. तभी लोको पायलट और उसके वरीय सहायक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर हाथियों की जान बचा ली. अगर दोनों लोको पायलटों ने इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगायी होती तो अनहोनी हो सकती थी. लोको पायलट अनिल कुमार विद्यार्थी ने कहा कि हाथियों की जान बचाकर वो खुद को खुश किस्मत समझ रहे हैं.
दरअसल जबलपुर से हावड़ा जाने वाली शक्तिपूंज एक्सप्रेस 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही थी. छिपादोहर और हेहेगढ़ा रेलवे स्टेशन के बीच जावा नदी पड़ती है. यह इलाका एलिफेंट जाेन के रूप में चिन्हित है और पलामू टाइगर रिर्जव क्षेत्र में आता है. लोको पायलट अनिल कुमार विद्यार्थी और वरीय सहायक रजनीकांत चौबे ने ट्रेन की रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटा करने का निर्णय ले ही रहे थे कि पोल संख्या 246/10 के पास हाथियों के एक झुंड को रेलवे लाइन क्रास करते देखा. यह देखकर दोनों लोको पायलटों ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया. जिसके बाद ट्रेन हाथियों के झुंड से 70 मीटर पहले रूकी और हाथियों की जान बच गयी.
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