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झारखंड छात्र मोर्चा ने पूर्व विधायक का पुतला दहन किया कहा
*सत्येंद्र नाथ तिवारी नहीं चाहते कि गढ़वा के बच्चे शिक्षित हों*

*शिक्षा विरोधी हैं पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी – जेसीएम*

झारखंड छात्र मोर्चा के नेताओं ने सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं के साथ टाउन हॉल के मैदान से रंका मोड़ तक पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी का शव यात्रा निकालकर पुतला दहन किया। छात्रों ने कहा कि पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी शिक्षा विरोधी व्यक्ति हैं, वह नहीं चाहते कि गढ़वा के बच्चे शिक्षित बनें। विगत दिनों के उनके क्रियाकलाप से यह साफ झलक रहा है कि वह विकास विरोधी हैं। पूर्व विधायक नहीं चाहते कि यहां के बच्चे शिक्षित होकर विभिन्न क्षेत्रों में जिले का नाम रोशन करें। कुछ दिन पहले उन्होंने जानबूझकर फरठिया में बनने वाले आवासीय अल्पसंख्यक विद्यालय के विरोध में बखेड़ा खड़ा किया, लोगों के बीच अफवाह फैलाकर उन्हें गुमराह करने का काम किया। वही स्थिति पूर्व विधायक ओखरगाड़ा में बनाने की कोशिश कर रहे हैं परंतु उनके नकारात्मक राजनीति से स्थानीय जनमानस में आक्रोश का माहौल हैं। ग्रामीण चाहते है की वहा पिछड़े वर्ग के लिए आवासीय विद्यालय बने ताकि उनके बच्चों को सुलभ रूप से शिक्षा उपलब्ध हो सकें।

छात्र नेता दिलीप गुप्ता ने कहा कि पूर्व विधायक को शिक्षा पर राजनीति नहीं करना चाहिए बल्कि इस क्षेत्र में हो रहे कार्यों में बढ़-चढ़कर सहयोग करना चाहिए। अपने 10 वर्षो के कार्यकाल में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी कदम नहीं उठाया और आज अगर वर्तमान जनप्रतिनिधि के द्वारा कुछ अच्छा पहल किया जा रहा है तो वह उस में टांग अड़ा ने का काम करने का काम कर रहे है।

छात्र संतोष चौधरी ने कहा कि पूर्व विधायक के नकारात्मक क्रियाकलाप को गढ़वा के युवा एवं छात्र बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरत पड़ी तो गांव-गांव जाकर इनके शिक्षा विरोधी नियत से लोगों को अवगत कराएंगे। पूर्व विधायक की कार्यशैली पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक विरोधी बनते जा रहा है।

छात्र नेता आनंद यादव ने कहा कि पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी गढ़वा में हो रहे विकास कार्यों से घबरा गए हैं। उन्हें लगता है कि इसी तरह से काम होते रहेगा तो आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी जमानत जप्त हो जाएगी। इसीलिए वह जानबूझकर विकास कार्यों में रोड़ा अटका रहे हैं।

छात्र नेता गुलाम मुस्तफा ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे कार्यों में पूर्व विधायक को विरोध नहीं करना चाहिए, जहां बच्चे शिक्षित हो जाते हैं वहां स्वरोजगार के साधन बढ़ते हैं तथा अपराध में कमी आती है। शिक्षा से बौद्धिक विकास होता है और युवक अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी का निर्वहन ठीक ढंग से कर पाता है।

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Admin Garhwa Drishti

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