
गढ़वा। गढ़वा जिले के भवनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा इससे जुड़े तीनों प्रखण्ड भवनाथपुर, केतार एवं खरौन्धी में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और अनियमितता की मामला को लेकर पूर्व जिला उपप्रमुख संघ के अध्यक्ष गोरखनाथ चौधरी ने उपायुक्त गढ़वा को आवेदन देकर इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
उन्होंने आवेदन में बताया है की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखण्ड लेखा प्रबंधक प्रदीप पाठक की मिलीभगत से सरकारी राशि का गबन किया जा रहा है और स्वास्थ्य सेवाओं को जानबूझकर बाधित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है की स्वास्थ्य केन्द्रों में JAS समिति के गठन का प्रावधान है, जिसमें ग्राम पंचायत की मुखिया अध्यक्ष, CHO सचिव और ANM सदस्य होते हैं। नियम के अनुसार, किसी भी राशि की निकासी केवल बैठक कर निर्णय लेने के बाद ही हो सकती है।
लेकिन यहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं CHO की मिलीभगत से बिना बैठक और बिना कोटेशन/निविदा प्रक्रिया के लाखों रुपये की निकासी कर ली जाती है। प्रत्येक केन्द्र को दवा खरीद के लिए 65,000 रुपये दिए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया है की बिना समिति की बैठक किए और बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के इस राशि की निकासी कर ली गई। सरकारी निर्देशानुसार प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र में 5,000 रुपये प्रति शिविर के हिसाब से आयुष्मान आरोग्य शिविर आयोजित होने चाहिए। लेकिन यहां बिना शिविर आयोजित किए ही पैसे की निकासी कर ली जाती है।प्रखण्ड लेखा प्रबंधक प्रदीप पाठक पिछले पाँच वर्षों से एक ही जगह CHC भवनाथपुर में जमे हुए हैं। डॉ. रंजन दास की पदस्थापना प्रतिनियुक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अरंगी में की गई है, लेकिन वह एक दिन भी वहां ड्यूटी पर नहीं जाते।खरौन्धी प्रखण्ड अन्तर्गत कूपा स्वास्थ्य केन्द्र पिछले दो वर्षों से अधिक समय से बंद पड़ा है। यहां ANM की प्रतिनियुक्ति भी नहीं की गई है। परिणामस्वरूप प्रसव, टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ग्रामीण महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उनका कहना है की सरकारी राशि की बंदरबांट और स्वास्थ्य सेवाओं में हो रही गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच कराई जाए। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो तथा बंद स्वास्थ्य केन्द्रों को चालू कर ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाए।