अनुमंडल ब्यूरो राहुल वर्मा की रिपोर्ट रमना -गढ़वा जिला के विशुनपुरा प्रखंड अंतर्गत दर्जिया निवासी याज्ञवल्क्य शुक्ल दुसरी बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री चुने गए है।गुरवार को इसकी घोषणा मुम्बई स्थित अभाविप के केंद्रिय कार्यलय से किया गया।याज्ञवल्क्य के साथ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी डा. राजशरण शाही भी दुबारा अध्यक्ष चुने गए है। लगातार दूसरी बार दोनों अपने-अपने पदों पर निर्वाचित किए गए हैं।चुनाव अधिकारी डा सीएन पटेल ने दोनों के नामों की घोषणा किया है। दिल्ली में सात से 10 दिसंबर को होने वाले 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन में दोनों अपना पदग्रहण करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अनुषांगिक और विद्यार्थियों का सबसे बड़ा संगठन अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री का प्रतिवर्ष चुनाव होता है।
याज्ञवल्क्य संभाल चुके हैं कई अहम पदों की जिम्मेदारी
याज्ञवल्क्य शुक्ल मूलतः गढ़वा जिले से हैं। विद्यालयी जीवन से ही परिषद के संपर्क में हैं तथा वर्ष 2009 से पूर्णकालिक कार्यकर्ता हैं।
पूर्व में रांची महानगर संगठन मंत्री, झारखंड प्रांत संगठन मंत्री, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य तथा बिहार क्षेत्र के क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया है। अभी केंद्र पटना है।
शुक्ल ने रांची विश्वविद्यालय से भूगोल विषय में पीएचडी तक की शिक्षा प्राप्त की है। नीलाम्बर-पिताम्बर विश्वविद्यालय से भूगोल विषय में परास्नातक में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है।
जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय, गढ़वा के निर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष तथा रांची विश्वविद्यालय के निर्वाचित छात्रसंघ उपाध्यक्ष रहे हैं। शुक्ल के निर्वाचन पर प्रोफेसर उमेश सहाय,प्रो.धनंजय कुमार सिंह,पत्रकार धिरेद्र कुमार चौबे,राकेश कुमार पाठ,आशिष वैद्य,विकाश स्वदेशी,अशर्फी लाल चंद्रवंशी,अविनाश पासवान,मुकेश कुमार,निरज पाठक,अमरेद्र कुमार प्रजापति,उपेद्र कुमार,विकाश कुमार सहित कई लोगों ने शुभकामनाएं दी है।
– कई आंदोलन का किया नेतृत्व-
-याज्ञवल्क्य शुक्ल चालू सत्र में राजस्थान में पुलवामा के शहीद स्वजनों के खिलाफ सरकार के विरुद्ध जोरदार आंदोलन चलाया था।जिसके कारण जेल भी जाना पड़ा।वही राजस्थान में बहन-बेटियों की सुरक्षा,पेपर लीक और भष्ट्राचार के खिलाफ विरोध न्याय पद यात्रा का नेतृत्व किया।तेलंगना में पेपर लीक मामले में राज्य स्तरीय आंदोलन का नेतृत्व किया।पश्चिम बंगाल के जाधवपुर विश्व विद्यालय में एसएफआई के अराजकता और छात्र स्वपन दीप के हत्यारों को फांसी की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व किया।इस आंदोलन में याज्ञवल्क्य को 36 घंटा जेल में भी बिताना पड़ा
– बड़ें नामों में शामिल हुआ छोटे गांव का याज्ञवल्क्य-
-गढ़वा जिला के दर्जिया जैसे छोटे गांव जहा आज भी सड़क नही है।वहां से निकला कर याज्ञवल्क्य शुक्ल अभाविप के दुसरी बार राष्ट्रीय महामंत्री चुने गए है।दुसरी बार महामंत्री चुने जाने के बाद याज्ञवल्क्य राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ,भाजपा और अभाविप के बड़े नामों में शामिल हो चुके है।अभाविप के 74 वर्षों के इतिहास में बिहार/झारखंड से तीसरें तथा झारखंड के पहले राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल बनें है।इसके पहले बिहार के सुशील मोदी और एमएलसी हरेद्र प्रताप महामंत्री के पद चुने गए है।आरएसएस के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबल्ले ,विदेश राज्य मंत्री वी.मुरलीधरन,महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत बच्चू पाटिल,विद्या भारती के केएन रघुनंदन,खजुराहो के सांसद विष्णु दत्त शर्मा और भाजपा के केंद्रीय कार्यालय प्रभारी महेंद्र पांडेय सहीत कई ऐसे नाम है जो अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री के सफर को पुरा किया किया है।
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