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*सब न्यूज कॉर्डिनेटर हेड दयानंद यादव की रिपोर्ट*


*ग्राहक द्वारा विरोध करने पर दुकानदार द्वारा कहा जाता है जहाँ जाना है जाओ, इसी रेट से मिलेगी शराब*

*आखिर अवैध वसुलीदारो को कहा से मिल रही है बल, किसका है सिर पर हाथ..?*

*पूर्व में एसडीओ गोरांग महतो ने दी थी शराब दुकानदारों को चेतावनी, प्रिंट रेट से ज्यादा लेने पर होगी कार्रवाई*

पलामू जिला के हुसैनाबाद अनुमंडल के विभिन्न स्थानों पर स्थापित शराब दुकानों पर प्रिंट रेट से अधिक पैसे लेने का आरोप लगातार लगता आ रहा है। ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई नही होना दुर्भाग्यपूर्ण है, मिली जानकारी के अनुसार शराब खरीदने वालों ग्राहकों द्वारा बोला जाता है कि क्वार्टर साइज के पैक पर 10 से 20, हाफ साइज के पैक पर 30 से 40 और फुल साइज के पैक पर 50 से 70 रुपया अधिक ग्राहकों से लिया जाता है। वही केन बियर में अंकित मूल्य से 50 रुपये अधिक लिया जा रहा है।

*ताजा मामला ₹100 का बियर ₹150 में दिया, विरोध पर दुकानदार का जवाब ” जहा जाना है जाओ, इसी रेट से मिलेगी शराब”*

बतादे की हुसैनाबाद शहर के जेपी चौक के समीप आकाशदीप होटल के बगल में स्थित अंग्रेजी शराब दुकान में ग्राहकों से लगातार एमआरपी से अधिक राशि वसूली जा रही है। शुक्रवार को एक ग्राहक शराब दुकान से दो बियर खरीदा और 5 सौ रुपये दुकानदार को दिया, जिसके बाद दुकानदार ने दो सौ रुवाये वापस किया ग्राहक ने विरोध करते हुए कहा कि बियर के केन बोतल में ₹100 एमआरपी रुपये लिखा हुआ है, तो ₹150 रुपए क्यो ले रहे है। तो दुकानदार ने बेशर्मी से जवाब दिया “जहां सस्ती मिलती है, वहां से ले लो, यहां इसी रेट में मिलेगा।” चाहो तो 140 एमआरपी लिखा हुआ भी मिल जाएगा लेकिन ₹150 रेट से कोई समझौता नहीं होगा, लेना है तो लो वरना जाओ। जबकि बियर के केन बोतल में साफ अक्षरों में मैन्युफैक्चरिंग डेट 02 अप्रैल 2025 व मूल्य 100 रुपये दर्ज है, जिससे यह साफ होता है कि यह नया स्टॉक है और प्रिंटिंग में कोई त्रुटि नहीं है। वही स्थानीय लोगों के अनुसार इस प्रकार की शिकायतें पहले भी सामने आती रही हैं, कई बार तो खबरों में भी आयी है लेकिन अब संबंधित विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिससे दुकानदारों का मनोबल बढ़ा हुआ है। हालांकि हुसैनाबाद एसडीओ गौरांग महतो ने कुछ दिनों पहले शराब दुकानदारों को चेतावनी दी थी लेकिन चेतावनी का कोई असर नही देखने को मिल रहा है, सवाल उठता है कि शराब दुकानदारों के सिर पर किनका हाथ है, जो खुलेआम प्रिंट मूल्य से अधिक राशि ले रहे है।

उत्पाद विभाग द्वारा समय-समय पर औचक निरीक्षण जरूर किया जाता है और चेतावनी भी दी जाती है, लेकिन इसके बावजूद दुकानदारों की यह मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही। सवाल यह उठता है कि आखिर बार-बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं होती। क्या इस अवैध वसूली में विभाग की मिलीभगत है।
स्थानीय लोगों ने स्थानीय प्रशासन और उत्पाद विभाग से मांग की है कि इस प्रकार की खुलेआम लूट पर सख्त कार्रवाई हो। एमआरपी से अधिक दर पर शराब बेचने वालों के खिलाफ न केवल जुर्माना लगाया जाए, बल्कि लाइसेंस भी रद्द किया जाए, ताकि भविष्य में ग्राहकों को ठगा न जा सके। *वही ग्राहक ने हुसैनाबाद अनुमंडल पदाधिकारी गौरांग महातो से दूरभाष से शिकायत किया है।

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Chandesh Raj

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