केतार भाजपा कार्यालय में गुरुवार को जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि बलिदान दिवस के रूप में मनाई गई। उपस्थित लोगों ने डॉ मुखर्जी के तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। वही जिला परिषद सदस्य ज्वाला प्रसाद ने मुखर्जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनका जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता के प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। अपने कुशाग्र बुद्धि के चलते मात्र 14 वर्ष की आयु में ही राजनीति में प्रवेश कर गए। 33 वर्ष की आयु में कोलकाता विश्वविद्यालय के उप कुलपति बने। कम समय में ही उन्होंने अनेक पदों को सुशोभित किया। बंगाल के वित्त मंत्री, हिंदू महासभा के अध्यक्ष, देश के प्रथम उद्योग मंत्री, जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष तथा शिक्षाविद के साथ-साथ बैरिस्टर भी रहे। साथ ही भाजपा मंडल अध्यक्ष कन्हाई प्रसाद ने कहा कि आजादी के बाद देश में अंतरिम सरकार का गठन हो रहा था, तो महात्मा गांधी के कहने पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें देश का पहला उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री बनाया। वही किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष धीरेंद्र शुक्ला ने कहा कि देश को चलाने के लिए जो नीति निर्धारण हो रहा था उसमें भारतीयता के भाव का अभाव देकर डॉ मुखर्जी को रास नहीं आ रहा था। उस समय नेहरू एवं कांग्रेस पार्टी की लोकप्रियता उफान पर थी। ऐसे में जनसंघ का रास्ता कठिन था। फिर भी डॉ मुखर्जी अपने दृढ़ निश्चय व्यक्तित्व के चलते अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। भारत को खंडित देखना नहीं चाह रहे थे। वही हेमंत पाठक ने कहा कि आज पीएम मोदी डॉ मुखर्जी के सपनों को साकार करने में लगे हुए हैं। राष्ट्र की एकता, अखंडता में बाधक अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। ऐसे महान विभूति को कोटि-कोटि नमन। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष कन्हाई प्रसाद ने किया। मौके पर कार्यक्रम में युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष राजू सिंह हेमंत पाठक, बाबू लाल यादव, वीरेंद्र गुप्ता, रामप्रवेश ठाकुर, गुड्डू ठाकुर आदि उपस्थित थे।
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