चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जिस तरह से वोट चोरी हुई और तत्काल उच्चतम न्यायालय ने हर विंदुओं पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया, वह एक ऐतिहासिक फैसला है, क्योंकि आज के दौर में जिस तरह से लोकतंत्र पर लगातार भाजपा द्वारा विभिन्न एजेंसी द्वारा हमले किये जा रहे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था को तार तार किया जा रहा है। उसमें यह फैसला उनके लिए करारा तमाचा है कि दुनिया की नजरों साधु के भेष में और अंदर से शैतानी प्रवृत्ति भरा हुआ है। जनता द्वारा चुनी गई सरकार को ईडी सीबीआई का डर दिखा कर उन्हें अपने दल में शामिल करो या फिर जेल भेजना यह एक धारणा सी बन गई है। जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट में चुनाव पदाधिकारी ने कबूल किया कि उसने वोट खराब किये, यह साफ दर्शाता है कि केंद्र की भाजपा सरकार एक मामूली निगम चुनाव में ऐसे धांधली कर सकती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में कुछ भी और किसी भी हद तक गिर सकती है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल जिस तरह से फैसले को बदलते हुए नए मेयर का फैसला सुनाया, यह एक लोकतंत्र की बहुत बड़ी जीत है और भाजपा का भंडाफोड़ हुआ। वोट कटवा होते हैं लेकिन वोट चोरी करने वाले ये पार्टी होगी यह देश की जनता जान गई। सुप्रीम कोर्ट को बहुत बहुत आभार जो लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल कर एक नई मिशाल कायम की है।