Bakoriya Palamu Muthbhed। पलामू के बकोरिया में भलवाही घाटी पर 8 जून 2015 की आधी रात को कथित मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए थे। कथित पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए 12 लोगों को पुलिस ने माओवादी कहा और अपनी पीठ थपथपाई थी।इसमें नक्सलियों का टॉप कमांडर आरके उर्फ अनुराग, उसका बेटा और भतीजा भी शामिल था। कथित मुठभेड़ में चार नाबालिग, एक पारा शिक्षक और उसका भाई भी मारा गया था। लेकिन कुछ ही दिनों में यह मुठभेड़ सवालों के घेरे में आ गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास और डीजीपी डीके पांडे पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगा था। काफी हंगामे के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। कथित मुठभेड़ की जांच के लिए सीबीआई की टीम एक बार फिर पलामू पहुंची है। बकोरिया एनकाउंटर मामले में सीबीआई ने 70 फीसदी जांच पूरी कर ली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी पलामू पहुंचकर कई लोगों से पूछताछ करेंगे। सीबीआई की स्पेशल टीम चार्जशीट के लिए दस्तावेज तैयार कर रही है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में सीबीआई अब तक 350 से ज्यादा लोगों के बयान ले चुकी है। लेकिन साढ़े छह वर्ष बीत जाने के बाद भी मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिवारों को न्याय नहीं मिल पाया है।

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