बिशुनपुरा संवाददाता सुनील कुमार की रिपोर्ट
बिशुनपुरा( गढ़वा): बिशुनपुरा प्रखंड कार्यालय में ब्लांक प्रमुख दीपा कुमारी के द्वारा तालाबंदी की घोषणा का जनप्रतिनिधियों ने किया बहिष्कार। जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि जहां देश करोना जैसे महामारी से जूझ रहा था, मानव जिंदगी थम सी गई थी, प्रखंड कार्यालय में तालाबंदी से जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, विद्यार्थियों के लिए जाति निवास, आय, जमीन से संबंधित दाखिल- खारिज, केवाला ऑनलाइन , म्यूटेशन इत्यादि कार्य बाधित होंगे । स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रमुख के खिलाफ डीसी को पत्र लिखकर प्रमुख पर विकास कार्य को बाधित करने का आरोप लगाया है। डीसी को लिखे पत्र में कहा है कि प्रमुख के मनमानी रवैया से प्रखंड में हो रहे विकास कार्य बाधित हो रहा है। बीडीओ के खिलाफ प्रमुख ने 31 जनवरी को प्रखंड कार्यालय में तालाबंदी करने का आह्वान किया है, जिसमे विशुनपुरा प्रखंड के सभी जनप्रतिनिधियों का सहयोग मांगा है। जनप्रतिनिधियों ने बैठक कर निर्णय लिया है कि प्रखंड प्रमुख दीपा कुमारी द्वारा निर्धारित प्रखंड कार्यालय की तालाबंदी कार्यक्रम को एक साथ एक सुर में बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही प्रमुख के इस कार्य का हमलोग घोर निंदा करते है। लिखित आवेदन में कहा है कि प्रमुख पर कार्रवाई करते हुए तालाबंदी कार्यक्रम की इजाजत ना दिया जाए। ताकि प्रखंड अंतर्गत सभी तरह का विकास का कार्य सुचारू रूप से चल सके। मौके पर उप प्रमुख कविता देवी, बिशुनपुरा पंचायत समिति सदस्य शांति देवी,अमहर पंचायत खास मुखिया ललित नारायण सिंह उर्फ ददन सिंह, बिशुनपुरा मुखिया प्रमिला देवी, सरांग पंचायत मुखिया ब्यूटी सिंह, पिपरी कला मुखिया सुशीला देवी, पतिहारी मुखिया प्रतिनिधि मुन्ना अंसारी, 20 सूत्री अध्यक्ष शैलेंद्र प्रताप देव, अमहर खास पंचायत समिति सदस्य भरदुल चंद्रवंशी, समाजसेवी एनुल अंसारी इत्यादि लोग उपस्थित थे।
*प्रखंड प्रमुख क्यों कर रही है? प्रखंड कार्यालय में तालाबंदी का कार्यक्रम*
प्रखंड प्रमुख दीपा कुमारी ने बीडीओ पर आरोप लगाया है कि झंडा तोलन के निर्धारित समय पर उपस्थित रहने के बावजूद भी बीडीओ के द्वारा मनमानी तरीके से अंचलाधिकारी के द्वारा 26 जनवरी को झंडा तोलन करवाया गया। झंडा तोलन के अन्य जगहों पर भी प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा प्रमुख की छवि को खराब किया जाता है। मैं विकास का बाधक नहीं हूं, मैं प्रखंड के विकास चाहती हूं लेकिन बीडीओ के द्वारा मनमानी तरीके से प्रखंड चलाया जा रहा है और यह ड्यूटी आवर में भी नशे में धुत रहते हैं, बीडीओ 6 माह में 6 दिन भी प्रखंड कार्यालय ऑफिस में नहीं बैठते हैं, जबकि यह सारा काम अपने आवास से करते हैं।जनता जनार्दन बिना काम कराए लौट जाते हैं ,इनको जनताओं की कोई फिक्र नहीं है। ऐसे बीडीओ को तत्काल यहां से बर्खास्त किया जाए।
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