जटिल रोगों के इलाज का हब बना गढ़वा का क्लीनिक ऑन स्क्रीन
गढ़वा में चर्म, न्यूरो, पेट रोग के साथ अब डायविटीज, बाझपन, किडनी और मूत्र रोग के सुपर स्पेशलिस्ट करेंगे इलाज।
गढ़वा। गढ़वा जिला भले ही झारखंड का पिछड़ा जिला है परंतु समाजसेवा के धुनी बाबू शक्ति सिंह का एक छोटा सा प्रयास गढ़वा को जटिल रोगों के इलाज का हब बना दिया। एनआरआई बाबू शक्ति सिंह ने कोरोना से लड़ रही मानवता की सेवा के लिए गढ़वा जैसे छोटे स्थान पर जटिल रोगों के इलाज के विकल्प के रूप में क्लिनिक ऑन स्क्रीन की स्थापना की। गढ़वा जिला मुख्यालय के चिनिया रोड स्थित इस क्लिनिक का आगाज चर्म रोग और न्यूरो रोग के इलाज के साथ हुआ। झारखण्ड में मस्तिष्क एवं नस रोग विशेषज्ञ डॉ सुरेंद्र कुमार एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव रंजन अपना बहुमूल्य समय माह में एक बार गढ़वा के क्लिनिक ऑन स्क्रीन में देने लगे। बाद में पेट, गैस, आंत एवं लिवर रोग के सुपर स्पेशलिस्ट पारस हॉस्पिटल के कॉसल्टेंट डॉ आदित्य वर्द्धन सिंह भी क्लिनिक ऑन स्क्रीन से जुड़ गए। वह भी माह में एक दिन गढ़वा आने लगे। इसी 25 फरवरी को वह अपने निर्धारित तिथि को गढ़वा में मरीजों का इलाज करेंगे।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में लम्बी छलांग लगते हुए क्लिनिक ऑन स्क्रीन ने किडनी, पथरी, प्रोस्टेट एवं मूत्र रोग के सुपर स्पेशलिस्ट डॉ शैलेन्द्र मोहन शुक्ला को गढ़वा में आमंत्रित किया है। एमबीबीएस एवं जेनेरल सर्जरी में एमएस डॉ शुक्ला जीएमसी त्रिवेंद्रम, केरल से अनुभव प्राप्त मूत्र विशेषज्ञ हैं। अब उनका समय माह में एक दिन गढ़वा को मिलेगा। वह इसी 26 फरवरी को क्लिनिक ऑन स्क्रीन में मरीजों का इलाज करेंगे।
इसी तरह डायविटीज, थायराइड, पीसीओडी, बांझपन रोग के सुपर स्पेशलिस्ट डॉ अंगद कुमार भी क्लिनिक ऑन स्क्रीन से जुड़ गए हैं। वह भी इसी 26 फरवरी को क्लिनिक में मरीजों का इलाज करेंगे। एमबीबीएस गोल्ड मेडलिस्ट डॉ अंगद इंटरनल मेडिसिन में एम.डी और इंडोक्रिनोलॉजी में डी.एम हैं।
प्रोस्टेट कैंसर में जल्द ही बन जाएंगे नम्बर वन : डॉ शैलेन्द्र
मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शैलेन्द्र मोहन शुक्ल ने कहा कि अमूमन 100 में से 10-20 लोग मूत्र रोग से ग्रसिस पाए जाते हैं किंतु बढ़ते उम्र के साथ 100 में 50-60 लोग प्रोस्टेट एवं मूत्र रोग से ग्रसित पाये जाते हैं। भारत में जिस तेजी से प्रोस्टेट कैंसर बढ़ रहा है। बहुत जल्द ही हम विश्व में नम्बर वन बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रोस्टेट एवं मूत्र से सम्बंधित रोगों का इलाज प्रारम्भिक अवस्था में जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चा पैदा होने से बुढापा तक इस रोग की होने की संभावना बनी रहती है। पेशाब की रास्ते में समस्या से लेकर मनुष्य के प्राइवेट पार्ट में जटिल बीमारी और कैंसर कब पनप जाता है। इसकी जानकारी सम्बंधित व्यक्ति को नहीं हो पाती है। इसके लिए जरूरी है कि वे इस रोग के विशेषज्ञ के सम्पर्क में रहें और अपने रोगों को छुपाने के प्रयास न करें।
प्रत्येक 10 में से एक व्यक्ति डायविटीज का शिकार: डॉ अंगद
डायविटीज, थायराइड, पीसीओडी, बाँझपन रोग विशेषज्ञ डॉ अंगद कुमार ने कहा कि प्रत्येक 10 में एक व्यक्ति डायविटीज का शिकार पाया जा रहा है। लोगों के निःसन्तान होने के पीछे डायविटीज, थायराइड, पीसीओडी का बड़ा महत्व होता है। हार्मोनल प्रॉब्लम के कारण सन्तान पैदा होने में समस्या होती है। दवा से इसका इलाज संभव है। बशर्ते समय से इस रोग का इलाज कराया जाए।
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