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बालू के अभाव में विकास कार्य प्रभावित न हो इसे लेकर उपायुक्त शेखर जमुआर द्वारा झारखण्ड राज्य बालू खनन निति 2017 के अनुसार श्रेणी I (Category 1) के बालू घाटों से बालू का उपयोग निजी, गैर-व्यवसायिक सामुदायिक उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन आदि के प्रावधान को देखते हुए गढ़वा जिला अन्तर्गत अनुमोदित जिला सर्वेक्षण रिर्पोट (बालू) 2023 के अनुसार श्रेणी-1 (Category – I) के कुल 20 बालू घाट चिन्हित किए गए है। उक्त बालू घाटों से निजी एवं गैर-व्यवसायिक सामुदायिक कार्यों में बालू की आपूर्ति की जा सकेगी। बालू घंटों में मुख्य रूप से बहेरा खुर्द, बहेरा कलां, तलसबरिया, टड़हे, पुरहे, बूढ़ीखांड़, रंका, बनपुरवा, भिखही, गेरुआ, मेराल (पूर्वी), लखेया, हासनदाग, डंडई, पिपरिकलां, सरांग, बैलझखड़ा, जेनेवा, हरहे एवं बोदरा बालू घाट को चिन्हित किया गया है। जहां से बालू का उठाव किया जा सकेगा। झारखण्ड राज्य बालू खनन निति 2017 एवं विभागीय दिशा निर्देश के अनुसार श्रेणी- I के बालू श्रोर्तो से बालू उठाव हेतु समेकित नियम, शर्त एवं बंधेज निम्नवत् होगें:-

1. श्रेणी-1 (Category – 1) के बालू घाटों से उठाये जाने वाला बालू स्वामिस्व, कर आदि से मुक्त होगा मात्र बालू घाट को पहुँच पथ, प्रबंधन, पर्यवेक्षण आदि के लिए सरकार द्वारा निर्धारित प्रबंधन शुल्क 100 रू० प्रति 100 घनफीट की दर से ग्राम पंचायत / स्थानीय स्वायत शासन द्वारा लिया जायेगा, जिसे ग्राम पंचायत के खाता में जमा किया जायेगा।

2. बालू घाटों से बालू उठाव हेतु परिवहन चलान / प्राप्ति रसीद ग्राम पंचायत द्वारा निर्गत किया जायेगा।

3. बालू घाटों से बालू उठाव के लिए किसी भी परिस्थिति में मशीन का उपयोग नहीं किया जायेगा।

4. बालू परिवहन के लिए ट्रैक्टर छोडकर किसी भी अन्य भारी वाहनों का उपयोग नहीं किया जायेगा।

5. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशानुसार वर्षा ऋतु अर्थात 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदी से बालू का उठाव वर्जित है।

6. बालू घाट का सीमांकन कर साईन बोर्ड लगाना होगा।

7. बालू उपयोग करने वाले लाभुक / प्रतिनिधि भी परिवहन के समय साथ में रहेंगें।

8. दूसरे पंचायत के लाभुकों को भी आवश्यकता अनुरूप बालू आपूर्ति की जा सकेगी। इस संबंध में ग्राम पंचायत के मुखिया आश्वस्त हो लेगें कि यह बालू बिक्री के लिये नहीं ले जाया जा रहा है।

9. बालू घाट से बालू परिवहन करने वाले ट्रैक्टर (डाला सहित) परिवहन विभाग से निबंधित होगें।

10. किसी भी परिस्थिति में पुल से 500 मीटर, शमशान घाट छोड़ कर ही बालू का उठाव करेगें।

11. बालू चालान की तीसरी प्रति एवं लेखा-जोखा अगले माह के 15 तारीख तक अनिवार्य रूप से अंचल कार्यालय में दाखिल करना होगा।

12. इस बालू घाट से बालू उठाव कर बिक्री हेतु भंडारण नहीं किया जाएगा। व्यवसायिक रूप से उपयोग करते पाये जाने पर झारखण्ड लघु खनिज समनुदान नियमावली 2004 (य0 सं0) के नियमानुसार कारवाई की जाएगी।

उपायुक्त द्वारा संबंधित को निदेश दिया गया है कि उपरोक्त शर्तों एवं बन्धेजों का अनुपालन करते हुये श्रेणी – I के सभी बालू घाटों को ग्राम पंचायत / स्थानीय स्वायत शासन के माध्यम से संचालन कराना सुनिश्चित किया जाय।

ये बालू घाट प्रखण्ड गढ़वा-2, डण्डा-1,मेराल-4, डन्डई-2, विशुनपुरा-2, भंडरिया-1, रमकंडा-1 एवं मंझिआव में 7 बालू घाट दानरो, तहले, यूरिया, बाकी और सरस्वती नदी में अवस्थित है।

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