फिर गूंजेगा बाघों की दहाड़ से पलामू का पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र, जी हां आपने सही सुना क्योंकि बाघ लाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि अभी इसे लाने में कुछ समय और लग सकते हैं। पलामू सहित झारखंड का गर्व है बेतला नेशनल पार्क जो आसपास के लोगो के लिए रोजगार के अवसर प्रदान कर जीवका का साधन बना हुआ है
बेतला नेशनल पार्क सहित टाइगर रिजर्व के इलाके में कई ट्रैप कैमरे लगाये गये हैं. इन ट्रैक कैमरों में हाल के दिनों में भारी मात्रा में तेंदुए कैद हुये हैं. इसके अलावा पर्यटक भी तेंदूआ देखने की पुष्टि करते हैं.
ट्रैप कैमरे से करीब 200 तेंदुए होने की पुष्टि पीटीआर क्षेत्र में हो रही है. पीटीआर में एक बाघ की भी उपस्थिति है. चार स्थानों पर बाघ के पगमार्क मिले हैं. इसके अलावा जंगल में अन्य जंगली जानवर की संख्या में इजाफा हुआ है।
उन्होंने कहा कि बेतला नेशनल पार्क में चितल की संख्या भी बढ़ी है. तकरीबन 5 हजार चितल वास कर रहे हैं. इसके अलावा पार्क में मोर, बंदर, नीलगाय की भी अच्छी खासी उपस्थिति है
पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष कहा कि देश के अन्य टाइगर रिजर्व से बाघ लाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके लिए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी न्यू दिल्ली को प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में छह माह तक का समय लग सकता है.
कहा कि विजन प्लान के तहत दो मादाएं व एक नर बाघ को लाया जायेगा. कहा कि इसके लिए अधिकारी देश के तीन टाइगर रिजर्व का दौरा कर रहे हैं.

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