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उपायुक्त रमेश घोलप की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक आहुत हुई, जहां उन्होंने जिले में हो रहे हैं अवैध खनन तथा उसके उठाव पर रोक को लेकर कई आवश्यक निर्देश दिए।

उपायुक्त के कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित उक्त बैठक में मुख्य रूप से पुलिस अधीक्षक श्री अंजनी कुमार झा, अपर समाहर्ता श्री पंकज कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी गढ़वा श्री राज महेश्वरम व जिला खनन पदाधिकारी उपस्थित थे। वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनुमंडल पदाधिकारी श्री बंशीधर नगर, अनुमंडल पदाधिकारी रंका तथा विभिन्न अंचलों के अंचलाधिकारी व थाना प्रभारी बैठक से जुड़े। सभी पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि अवैध खनन तथा उसके उठाव पर प्रतिबंध हेतु तत्काल प्रभाव से कदम उठाया जाना अति आवश्यक है। खनन के मामलों व उसपर कार्रवाई के संदर्भ में गढ़वा जिले की छवि राज्य में असंतोषजनक है। साथ ही इससे राजस्व संग्रहण में भी भारी नुकसान हो रहा है, ऐसे में जिला प्रशासन अवैध खनन रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। 

उपायुक्त ने कहा कि जिले में अवैध उत्खनन को रोकने के लिए यह जरूरी है कि पदाधिकारी जिले में मौजूद सभी घाटों की वस्तुस्थिति अपने पास रखें। उपायुक्त ने आपसी समन्वय के साथ सभी को मिलकर पारदर्शिता से काम करने का निर्देश दिया। बैठक में उपायुक्त ने बताया कि जिले के घाटों को 2 कैटेगरी में बांटा गया है। जिले में मौजूद सभी छोटे घाटों को इस कैटेगरी में रखा गया है। वर्तमान में कैटेगरी एक में जिले के 14 घाट शामिल है। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि कैटेगरी एक के घाटों से बालू के उठाव के लिए सिर्फ ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। किसी भी तरीके की अन्य मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि इन घाटों से बालू के उठाव के लिए प्राप्ति रसीद निर्गत किया जाएगा।

वही कैटेगरी 2 के बारे में उपायुक्त ने बताया कि गढ़वा जिले में कुल 28 घाट कैटेगरी 2 के अंतर्गत आते हैं। और वर्तमान में इन 28 घाटों में से सिर्फ 2 घाटों का संचालन किया जा रहा है। उपायुक्त ने सख्त रूप से निर्देश दिया कि वैसे सभी घाट जिनकी समाप्त हो चुकी है उन घाटों से बालू का उठाव अवैध माना जाएगा। 

उपायुक्त ने बैठक में मौजूद पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे संवेदना से लोगों से पेश आएं तथा लोगों में डर का माहौल ना बनाएं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का लक्ष्य जिले में हो रहे अवैध उत्खनन एवं बालू उठाव को रोकना है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अनावश्यक कड़ाई बरतना नहीं बल्कि अवैध खनन तथा उसके उठाव को रोकना है। ऐसे में अंचल अधिकारी तथा थाना प्रभारी आपसी समन्वय बनाते हुए व संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से संपर्क में रहते हुए तत्काल प्रभाव से दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। हमारा लक्ष्य गलत तरीके से बालू का कारोबार कर रही गाड़ियों को पकड़ना है।  

आगे उन्होंने कहा कि उपायुक्त ने अवैध खनन में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई अनावश्यक तौर पर लंबित ना रहे बल्कि तत्काल प्रभाव से प्राथमिकी अथवा अर्थदंड की कार्रवाई जिला खनन पदाधिकारी को सूचित करते हुए की जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जो नियमित तौर पर संलिप्त पाए जाएंगे, जिनके द्वारा उठाव की प्रक्रिया में वाहन दोबारा पकड़े जाएंगे उन्हें ₹50 हजार के साथ जुर्माना राशि तथा तीसरी बार पकड़े जाने पर ₹1 लाख के साथ जुर्माना राशि देना अनिवार्य होगा अथवा नियम के तहत प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी। इसके अलावा उपायुक्त ने कहा कि सरकारी जमीन पर बालू का संग्रहण पाए जाने पर संबंधित हल्का कर्मचारी और सीआई पर भी नियम संगत कार्रवाई की जाएगी, ऐसे में इसकी सूचना संबंधित अंचलाधिकारी व जिला खनन पदाधिकारी को पूर्व में ही उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।

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