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इस बाबत जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने विस्तृत रूप से बताया कि गढ़वा जिले सहित राज्य के अस्सी मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना निर्धन मेधावी छात्रों को सीबीएसई बोर्ड से अंग्रेज़ी भाषा में उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने हेतु की गई है। इसके लिए विद्यालयों को सभी प्रकार के बाह्य एवम् आंतरिक संसाधनों/मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण भी कर दिया गया है। ऐसे विद्यालयों में इच्छुक विद्यार्थियों का नामांकन प्रवेश परीक्षा के पश्चात् लिया गया है। परन्तु, जो मूलभूत आवश्यकता योग्य और उचित संख्या में (छात्र शिक्षक अनुपात में) शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति/ पदस्थापन की होनी चाहिए थी, वो व्यवस्था विभाग के द्वारा नहीं की जा सकी। प्रारम्भिक दौर में शिक्षा विभाग ने इसके विकल्प में एक आन्तरिक अंतर्विक्षा के आधार पर जिले के योग्य शिक्षकों को इन उत्कृष्ट विद्यालयों में तीन – तीन महीनों के परफॉर्मेंस/मूल्यांकन के साथ प्रतिनियुक्त किया गया था। इस प्रकार के वैकल्पिक व्यवस्था से इन विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई के साथ- साथ कई प्रकार के सहगामी गतिविधियों में भी उत्तरोत्तर सुधार होने लगा था। परन्तु, विगत दो महीने पूर्व शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के द्वारा इन प्रतिनियुक्त शिक्षकों को हटाते हुए उनके मूल विद्यालयों में वापस कर दिया गया। इस अफसरशाही एवम् अदूरदर्शी सोच के कारण वर्तमान समय में इन उत्कृष्ट विद्यालयों में अध्ययन कर रहे बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप्प हो गई है। साथ ही उनके अभिभावकों की उम्मीदों पर भी पानी फिर सा गया है। मूल रुप से कार्यरत शिक्षकों पर उन प्रतिनियुक्त शिक्षकों के विषयों का भी बोझ आ गया है। अपने विषयों के अतिरिक्त अन्य विषयों का भी एक्स्ट्रा क्लासेज लेने पड़ रहे हैं; जिससे वे स्वयं को काफ़ी शोषित महसूस कर रहे हैं जिस कारण अन्य सहगामी एवम् गैर शैक्षणिक कार्यों को अच्छी तरह से बच्चों के बीच नहीं कर पा रहे हैं।
जिलाध्यक्ष ने आगे बताते हुए कहा कि स्कूली शिक्षा एवम् साक्षरता विभाग ने राज्य के अस्सी मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों और तीन सौ पच्चीस आदर्श विद्यालयों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति/पदस्थापन करने के लिए राज्य के समस्त शिक्षकों का उन्मुखीकरण सह मूल्यांकन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें उत्तीर्ण योग्य शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति/ पदस्थापन इन विद्यालयों में किया जायेगा। विगत दस अगस्त 2024 को यह उन्मुखीकरण सह मूल्यांकन कार्यक्रम सम्पन्न हुए एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक मूल्यांकन परिणाम जारी नहीं किया जा सका है। ऐसी संभावना है कि कुछ दिनों के अंदर कभी भी आगमी विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता इस झारखण्ड राज्य में लागू हो सकती है। जिससे सभी प्रकार के विभागीय नवाचारी कार्य स्थगित हो जायेंगे। फिर वही शैक्षणिक समस्या इन विद्यालयों में ज्यों कि त्यों रह जायेगी। अतः राज्य के शिक्षा विभाग के तमाम उच्चाधिकारियों से करबद्ध निवेदन होगा कि राज्य के इन उत्कृष्ट एवम् आदर्श विद्यालयों में अध्ययन कर रहे छात्र छात्राओं की शैक्षणिक भविष्य विभागीय चक्कर में बर्बाद नहीं करते हुए अविलंब योग्य और उचित संख्या अनुपात में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति/ पदस्थापन का कार्य प्रारम्भ करें। नहीं तो वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारीयों को उक्त सम्बंध में दिशा निर्देश पत्र निर्गत करना सुनिश्चित करें।

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