पुलिस और पशुपालन विभाग की लापरवाही के चलते 15 मवेशियों के मौत, कागजों पर ही हुआ पोस्टमार्टम
मोहम्मदगंज। पलामू जिला ब्यूरो चीफ लवकुश कुमार सिंह की रिपोर्ट
मोहम्मदगंज पुलिस द्वारा जब्त किए गए मवेशियों की मौत ने प्रशासनिक लापरवाही और पशुपालन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते रविवार को मोहम्मदगंज पुलिस द्वारा 17 मवेशियों से लदे एक पिकअप वाहन को जब्त किया गया था। इन मवेशियों को थाना परिसर के बाहर खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया गया, जहां उनके लिए न तो चारे और न ही पानी की व्यवस्था की गई। नतीजतन, रविवार को ही 7 मवेशियों की मौत हो गई, जबकि शेष 10 मवेशियों में से 8 की बाद में चिकित्सा सुविधा के अभाव में मौत हो गई।इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि जब पुलिस ने मवेशियों को जब्त किया था, तो उनकी देखभाल की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की थी। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने मवेशियों के प्रति घोर लापरवाही दिखाई, जिसके चलते 15 मवेशियों की जान चली गई।घटना के बाद ग्रामीणों की शिकायत पर सोमवार को पशु चिकित्सा पदाधिकारी धर्मेंद्र सिंह राजपूत मौके पर पहुंचे। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने केवल कागजी कार्रवाई के लिए पोस्टमार्टम किया और हकीकत में मवेशियों की हालत की सही जांच नहीं की। खासतौर पर, ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि रविवार को जब 7 मवेशियों की मौत हुई थी, तो धर्मेंद्र सिंह खुद मौके पर नहीं थे, फिर भी पोस्टमार्टम कैसे किया गया। एक स्थानीय व्यक्ति ने गुस्से में कहा अगर जिम्मेदार अधिकारी खुद मौके पर नहीं थे, तो उनके बिना यह संभव कैसे हुआ।यह घटना न केवल मवेशियों की मौत की ओर इशारा करती है, बल्कि प्रशासन की लीपापोती और पशुपालन विभाग की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियों को भी उजागर करती है। मवेशियों के लिए न तो चारे का इंतजाम था, न ही उन्हें चिकित्सा सुविधा मिली, जिसके चलते उनकी मौत हुई। इसके बाद, पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में लापरवाही का आरोप लगना और भी चिंताजनक है, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर और गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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