Read Time:2 Minute, 41 Second



चुनाव आयोग आगामी त्योहारों पर विचार कर रहा है, जिसमें 29 अक्टूबर से 3 नवंबर तक दिवाली, छठ और देव दीपावली शामिल हैं. चुनाव की समय-सारिणी की योजना बनाते समय आयोग त्योहार का खास ध्यान रखेगा. छठ झारखंड में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और इससे महाराष्ट्र में रहने वाले बिहारी मतदाताओं का अस्थायी रूप से अपने गृह राज्यों में पलायन हो सकता है. आयोग त्योहार के बाद चुनाव करवा सकता है. ऐसा इसलिए ताकि प्रवासी मतदाताओं को अपने पंजीकृत मतदान केंद्रों पर लौटने के लिए पर्याप्त समय मिल सके.
विधानसभा चुनावों के अलावा, विभिन्न राज्यों में 45 से अधिक विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव एक साथ हो सकते हैं. वायनाड और बशीरहाट की लोकसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव होने हैं. सांसद राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद वायनाड सीट खाली हो गई थी, जिन्होंने अमेठी में अपनी सीट बरकरार रखी. तृणमूल के मौजूदा सांसद शेख नूरुल इस्लाम के निधन के कारण बशीरहाट उपचुनाव जरूरी है.
महाराष्ट्र और झारखंड में कितने चरण में हो सकते हैं चुनाव?
महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, वहीं झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी, 2025 को पूरा होगा. 2019 के चुनावों में झारखंड में 5 चरणों में मतदान हुआ था, जबकि महाराष्ट्र में सिर्फ़ 1 चरण में मतदान हुआ था. जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए चुनावों के सफल आयोजन को देखते हुए आयोग इस बार झारखंड में भी जल्दी मतदान प्रक्रिया लागू किया जा सकता है.

