खरौंधी प्रखंड से चंदेश कुमार पटेल कि रिपोर्ट
खरौंधी ( गढ़वा): प्रखण्ड में BS-4 राष्ट्रव्यापी महाजन जागरण अभियान के तहत मूलनिवासी संघ,मूलनिवासी विद्यार्थी संघ के द्वारा भिमाकोरेगाव 205 वे शौर्य दिवस मनाया गया। इतिहास में बताया जाता है कि महाराष्ट्र के पुणे में पेसवा ब्राह्मण के द्वारा एक (अत्याचारी मार्शल लॉ) लागू किया गया था। मार्शल लॉ क्या था:- मार्शल लॉ यह था कि जो म्हारो को कमर में झाड़ू और गले में मटकी लगाया गया था। ताकि वह जमीन पर चले तो उसका निशानी मिटता जाए, और मटका इसलिए की जमीन पर न थूक सके। इसी के विरूद्ध में महारो और पेशवा ब्राह्मण में 1 जनवरी 1818 महाराष्ट्र के पुणे जिले भीमा नदी के किनारे युद्ध हुआ। उस युद्ध में 28हजार पेस्वा ब्राह्मण शामिल हुआ और सिर्फ 500 महार शामिल हुए। जिसमे 20हजार घोड़ सवारी थे और 8हजार पैदल थे और महार सिर्फ पैदल थे तो युद्ध हुआ तो महारो द्वारा 28हजार ब्राह्मणो को धूल चटाने का काम किया। 1जनवरी 1927 को बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी उस विजय स्तम्भ पर गए और नमन किए तब से उसी दिन से विजय का प्रतिक मानकर हर वर्ष 1 जनवरी को शौर्य दिवस मनाने का कार्य पूरे देश प्रारंभ हुआ। वही इस मौके पर मन्नू राम (मूलनिवासी कर्मचारी कल्याण महासंघ भारत के संगठन सचिव), संजय राम (बामसेफ जिला उपाध्यक्ष), मू.रामकेश जी (मूलनिवासी संघ राज्य कार्यकारिणी सदस्य झारखंड), नन्दलाल मूलनिवासी(मूलनिवासी विद्यार्थी संघ प्रखंड अध्यक्ष खरौंधी), मू. अजीत भारती (मूलनिवासी विद्यार्थी संघ सचिव), मू . राजा भारती (मूलवासी विद्यार्थी संघ कोषाध्यक्ष खरौंधी) शंकर भारती (समाज सुधार समिति अध्यक्ष) नरेश मूलनिवासी, अखिलेश मूलनिवासी , बालधनी मूलनिवासी, विनय मूलनिवासी ,करीमन मूलनिवासी (पूर्व वार्ड सदस्य)लालती देवी उर्मिला देवी, काजल भारती सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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