रंका से आरती कुमारी की रिपोर्ट
रंका । रंका अनुमंडल मुख्यालय स्थित राजकीय कृत + 2 उच्च विद्यालय के सभागार में लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान ( LGSS ) के बैनर तले फील्ड फैशिलीटेटर अमरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में किया गया बाल विवाह रोकथाम , बाल हिंसा , महिला उत्पीड़न और बाल तस्करी पर कार्यशाला का आयोजन । कार्यशाला को संबोधित करते हुए रंका थाना प्रभारी शंकर प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि वर्तमान परिवेश में लोगों में बाल विवाह रोकथाम के प्रति कुछ हद तक कमी आई है । अब लोग अपने बेटी या बेटा का सही समय पर शादी कर रहें हैं और शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं । लेकिन अभी भी कुछ सुदुरवर्ती क्षेत्रों में बाल विवाह होने की सूचना आती रहती है । जिसे हम सभी को निरंतर जागरुकता अभियान के माध्यम से ही रोका जा सकता है । उन्होंने पॉक्सो एक्ट पर भी काफी विस्तार पूर्वक से अपनी बातो को रखते हुए सभी को महिला उत्पीड़न और बाल हिंसा से सम्बंधित विषयों पर भी जागरूक किया और कहा की ये सभी हमारे सभ्य समाज के लिए अभिशाप है दहेज प्रथा के कारण महिलाओं को घर से निकाल देना उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना ये सभी अत्याचार समाज के लिए कलंक है । जिसे हर हाल में समाप्त करना होगा तथा कहीं भी 14 वर्ष से कम उम्र की बच्चों से शारीरिक रूप से श्रम कराना या रोजगार दिलाने के नाम पर उनका बाल व्यापार करना दोनों कानून की नजर में अपराध है । पकड़े जाने पर जुर्माना के साथ साथ जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है । इसलिए उपस्थित आप सभी छात्र -छात्राओं से मेरा आग्रह है कि यदि आपके निवास स्थान के आस पास या कहीं भी बाल विवाह , बाल हिंसा , तथा महिला उत्पीड़न की जानकारी मिलती है तो आप सभी अपने जन प्रतिनिधि , शिक्षक , अभिभावक , या अन्य माध्यम से उसकी सुचना हमारे तक पहुंचाने का कार्य करेंगे । विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष उत्तम पाण्डेय ने भी अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि इंसान जब अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लेता है तो दुनियां की कोई भी ताकत उसके विचारों को डिगा नहीं सकती है इसलिए वर्तमान परिवेश में लड़कियों को भी यह निर्णय लेना होगा की जब तक हम बालिग ना हों जाएं तब तक हम शादी के बंधनों मे नहीं बंधेंगे । विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहनवाज़ अख्तर ने भी कहा कि आज हम सभी आधुनिक युग में जीवन यापन कर रहे हैं लेकिन हम सभी को बाल विवाह , बाल मजदूरी , और महिला उत्पीड़न जैसी मामलों से दो चार होना पड़ रहा है तो यह निश्चित ही हमारी कमजोर मानसिकता को दर्शाता है । जो अत्यंत चिंतनीय है , जब तक हम सभी के द्वारा इस गंभीर मुद्दे पर सामूहिक रूप से विचार विमर्श नहीं होगा तब तक बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण नहीं हो सकता है और मुझे यह कहते हुए काफी गर्व महसूस हो रहा है कि हमारे समाज और देश को बाल विवाह मुक्त कराने में LGSS के फील्ड फैसिलिटेटर सह समाजसेवी अमरेन्द्र कुमार काफी तन्मयता के साथ लगे हुए हैं । मौक़े पर शिक्षक विनोद चौधरी , साह मुहम्मद खां , अनमोल चौबे , देवेन्द्र उपाध्यय , इंद्र नारायण झा , सहित सभी शिक्षकगण उपस्थित थें ।