विवेक मिश्रा की रिर्पोट
कांडी: प्रखंड के ग्राम राणाडीह में आयोजित श्री रामचरितमानस नवाह्न परायण पाठ महायज्ञ महोत्सव के चौतीसवे अधिवेशन के तीसरे दिन अयोध्या धाम से पधारी देवी धर्ममूर्ति ने नगरी हो अयोध्या सी , रघुकुल सा घराना हो, चरण हो राघव की जहा मेरी ठिकाना हो, भजन से राम कथा की शुरुआत की। देवी धर्ममूर्ति ने कहा की हमारे माता पिता कभी भी हानि नहीं चाहते हैं। राम नाम जपने पर किसी भी प्रकार की जीवन में हानि नहीं होती हैं।
जिसके कानो ने राम की नाम नहीं सुना उसका कान व्यर्थ हैं। जिसने कभी राम का नाम न जपा उनका जिह्वा व्यर्थ हैं। कहा जब जब धरती पर पाप बढ़ा, तब–तब प्रभु ने अवतार लिया। यज्ञ के तीसरे दिन वाराणसी से पधारे आचार्य अवधेश मिश्रा द्वारा यज्ञ मंडप में आग्नि प्रज्वलित किया गया, जिसके बाद आवाहित देवी व देवताओं की हवन की भी शुरुआत हुई। यज्ञ 24 फरवरी तक चलेगा।