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काजल कुमारी झारखंड के गढ़वा की निवासी हैं। वर्तमान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से भूगोल विषय से एमए कर रही हैं, बीए की पढ़ाई भी बीएचयू से ही की थीं। अभावों में ये बचपन से ही अपनी बुआ के साथ रहती हैं। बुआ उनके लिए मां जैसी हैं। बीते दिनों स्वास्थ्य ख़राब होने पर बुआ को अस्पताल ले गईं टेस्ट वगैरह में पता चला कि बुआ को कैंसर है।
प्रत्येक 21 दिन के अंतराल पर कुल 3-4 कीमोथेरेपी होनी है।आज पहली थेरेपी थी हॉस्पिटल फ़ीस के अतिरिक्त प्रति थेरेपी का चार्ज 20000 रुपए हैं।
काजल ने अपने स्कॉलरशिप के पैसों से अब तक इलाज़ और जांच वगैरह कराया था। लेकिन विपत्ति की इस घड़ी में वह बिलकुल अकेली पड़ गई तो उनके मित्र गढ़वा जिला के विशुनपुरा निवासी चंदन मेहता ने अपने परिचितों के बीच पीड़ित की मदद के लिए ऑनलाइन मुहिम चलाई। सभी से अपनी क्षमतानुसार सहयोग करने का अनुरोध किया। इसके बाद हर तरफ़ से मदद का हाथ बढ़ाया गया। विशुनपुरा, गढ़वा, बीएचयू वाराणसी, बिहार के अलावा भी कई जगहों से लोगों ने वित्तीय मदद की। कुछ ही घंटों में इलाज़ के लगभग 50 हज़ार रुपए जमा हुए। रांची के बड़े पत्रकार सन्नी शरद ने ट्विटर(एक्स) पर इसके बारे में मदद मांगी। जवाब में बीबीसी के लिए काम कर चुके रवि प्रकाश ने अपने कैंसर वाले कैमरे की तस्वीर नीलामी में बेचकर फ़ौरन इलाज़ कराने के लिए आगे आए। इसी कड़ी में माननीय मंत्री श्री मिथिलेश ठाकुर ने संज्ञान लिया और काजल कुमारी को उनके बुआ के इलाज़ के लिए अपने वेतन निधि से तत्काल 50000 रुपए देने की घोषणा की। जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ऑनलाइन सोशल मीडिया इंग्लुएंसर्स ने आज़ एक असहाय की मदद करके मिशाल पेश की है। चंदन और काजल ने सभी लोगों के के प्रति आभार प्रकट किया। वो दोनों भावुक हुए कि आज भी ऐसे लोग समाज में उपस्थित हैं।

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Chandesh Raj

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