अनुमंडल ब्यूरो राहुल वर्मा की रिपोर्ट

रमना । प्रखंड में संचालित विकास योजना भगवान भरोसे संचालित किया जा रहे हैं। नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।इसके बावजूद शासन प्रशासन की रहस्यमय चुप्पी लोगों के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है।स्थिति यह है कि मार्च से पहले जैसे तैसे काम निपटाकर सरकारी राशि की बंदर बांट के लिए संवेदक नियम विरुद्ध काम करने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। स्थिति यह है कि रमना गुलहरी बांध से सिलीदाग पंचायत भवन होते रमना- धुरकी की मार्ग तक करोड़ों रुपए की लागत से किया जा रहे सड़क मरम्मति की योजना में नियमों को ताक पर रख कर मार्च क्लोज से पहले काम निपटाना का प्रयास संवेदक के द्वारा नियम विरुद्ध जारी है।नियमों के मुताबिक योजना आरंभ करने से पहले योजना स्थल पर कार्य विवरणी पट्टीका लगाया जाना अनिवार्य है लेकिन एक साल से रुक-रुक कर चल रही उक्त सड़क मरम्मति की युक्त योजना अब संपन्न होने को है।इसके बावजूद योजना स्थल पर कार्य विवरणी पट्टीका का नहीं लगाया जाना संबंधित विभाग और संवेदक के कार्य शैली पर सवाल खड़ा कर रहा है।उक्त सड़क मरम्मति के नाम पर पिछले दिनों किसनों की फसल लगी भूमि के बिना मुआवजा दिए बगैर सड़क मरम्मती किए जाने की सूचना अलग-अलग माध्यमों से क्षेत्रिय विधायक अनंत प्रताप देव से करते हुए प्रभावित लोगों ने विभाग के अधिकारी और संवेदक पर कार्रवाई की मांग किया है।
संवेदक और विभाग के मिलीभगत से प्रखंड के महत्वपूर्ण सड़क मरम्मती की योजना मे खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।शासन प्रशासन को इस मामले पर विचार करते हुए उचित कार्रवाई करना चाहिए।
अनुज कुमार, रमना
सड़क मरम्मती के नाम पर सड़क खोद कर पुरानी वेस्ट मटेरियल को भर दिया गया है। जिसके कारण लोगो को आने जाने में परेशानी झेलना पड़ा रहा है। कई दो पहिया वाहन गिर कर चोटिल भी हो रहे हैं।
अजय कुमार, रमना
सड़क मरम्मत की योजना में विभाग और संवेदक के द्वारा कार्य विवरणी पट्टीका नहीं लगाया जाना कार्यों के गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर रहा है।स्थानीय शासन-प्रशासन को नियम विरुद्ध हो रहे कार्य पर अंकुश लगाना चाहिए।
चंदन कुमार गुप्ता, बियवाटीकर
एक साल से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी सड़क मरम्मत से जुड़ी कार्य विवरणी पट्टीका नही लगाया जाना कार्य के गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर रहा है।नियमों के मुताबिक कार्य स्थल पर सबसे पहले बोर्ड लगाया जाना है।
रामचंद्र राम,सामाजिक कार्यकर्ता, रमना
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